समग्र समाचार सेवा
मेरठ, 21जुलाई। योगी सरकार में जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने ऐसे ही इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे बहुत बड़ा कारण बताया है। खुले पत्र में लिखा कि मैं दलित जाति का हूं, इसलिए विभाग में मेरे साथ भेदभाव किया जा रहा है। राज्यमंत्री ने इस पत्र में अपना पूरा दर्द बयां किया है। आइए आगे पढ़ते है कि उन्होंने इस पत्र में क्या-क्या लिखा है।
जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर सरकार की कार्यप्रणाली और विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ‘नमामि गंगे’ और ‘हर घर जल योजना’ में नियमों की अनदेखी कर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
राज्यमंत्री दिनेश खटीक।
दिनेश खटीक ने लिखा कि जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्यमंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। यही नहीं मुझे किसी बैठक की सूचना भी नहीं दी जाती है। लिखा कि विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित हैं, उन पर क्या कार्रवाई हो रही है, इन मामलों में अधिकारियों द्वारा कोई जानकारी नहीं दी जाती। इसी कारण राज्यमंत्री को विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती है।
उन्होंने लिखा कि संबंधित विभाग के अधिकारी राज्यमंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्यमंत्री का अधिकार समझते हैं। उन्होंने लिखा कि इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया।
उन्होंने पत्र में लिखा कि इस मामले में अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने अभी तक कोई सूचना नहीं दी। वहीं विभागाध्यक्ष से फोन पर भी सूचना देने के लिए कहा गया लेकिन कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रमुख सचिव अनिल गर्ग ने मेरी पूरी बात सुने बिना ही फोन बीच में काट दिया। उन्होंने लिखा ऐसे बिना बात सुने ही फोन काट देना एक राज्यमंत्री का बहुत बड़ा अपमान है।
उन्होंने लिखा मैं एक दलित जाति का मंत्री हूं इसलिए इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है। मुझे विभाग में अभी तक कोई अधिकार नहीं दिया गया है, इसलिए मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता। मेरे द्वारा लिखे गए पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
उन्होंने लिखा कि इस विभाग में नमामि गंगे योजना के अंदर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है। जो ग्राउंड पर जाने पर पता चलता है। कोई भी अधिकारी इस मामले में कार्रवाई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे तो इसकी किसी एजेंसी से जांच कराई जा सकती है।