समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7दिसंबर। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 35 आधार अंक की बढ़ोतरी की है। गर्वनर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक समीक्षा के बाद आज मुंबई में संवाददता सम्मेलन में यह घोषणा की। रेपो दर अब 6 दशमलव दो पांच प्रतिशत हो गयी है। अक्तूबर से दिसम्बर महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति 6 दशमलव पांच प्रतिशत से 6 दशमलव 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त वर्ष 2023 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6 दशमलव 8 प्रतिशत होने की संभावना है।
भारतीय रिजर्व बैंक इस वर्ष जून से मुख्य ऋण दर में 50-50 आधार अंक की तीन बार बढ़ोतरी कर चुका है।
श्री शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार हो रही है और शहरी क्षेत्र में भी उपभोग बढ़ रहा है।
रेपो वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है. एक आधार अंक एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा होता है.
एमपीसी साल भर दर वृद्धि की राह पर रही है, मुद्रास्फीति से लड़ने के लिए नीतिगत दरों में लगभग दो प्रतिशत अंकों की वृद्धि की गई है. खुदरा मुद्रास्फीति लगभग पूरे वर्ष केंद्रीय बैंक के सहज स्तर से ऊपर रही है.
कायदे से, MPC को मुद्रास्फीति को 2-6 प्रतिशत के दायरे में रखना आवश्यक है. जैसा कि यह उस जनादेश को पूरा करने में विफल रहा, नवंबर की शुरुआत में पैनल ने अपनी विफलता और कीमतों को कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में एक पत्र लिखने के लिए मुलाकात की. 2016 में एमपीसी की स्थापना के बाद से यह पहली बार है कि इस तरह के पत्र का मसौदा तैयार करना पड़ा है.
दरों में बढ़ोतरी का एमपीसी का फैसला लगातार उच्च मुद्रास्फीति की पृष्ठभूमि में आया है, जो लगातार 10 महीनों से केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है.
भारत की प्रमुख खुदरा मुद्रास्फीति की दर अनुकूल आधार पर पिछले महीनों में 7.41 प्रतिशत से अक्टूबर में 6.77 प्रतिशत के तीन महीने के निचले स्तर पर गिर गई, लेकिन अभी भी केंद्रीय बैंक के 6 प्रतिशत के ऊपरी सहनशीलता बैंड से ऊपर है.
आरबीआई के इस कदम से पहले से ही महंगे लोन अब और महंगे हो जाएंगे और आपके कर्ज की ईएमआई बढ़ जाएगी.
बता दें, आरबीआई ने कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से मार्च, 2020 में रेपो दर में कमी की थी और 4 मई, 2022 को इसे बढ़ाने से पहले लगभग दो वर्षों के लिए बेंचमार्क ब्याज दर में यथास्थिति बनाए रखी थी.