नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, केंद्र सरकार को दी क्लीन चिट, फैसले को बताया सही

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2जनवरी। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2016 में की गई नोटबंदी को लेकर उठे सवालों पर सुप्रीम फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को अमान्य करने के सरकार के फैसले को सही ठहराया है।

न्यायमूर्ति एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की संविधान पीठ इस मामले पर अपना फैसला सुना सकती है, जब शीर्ष अदालत अपने शीतकालीन अवकाश के बाद फिर से खुलेगी। गौरतलब है कि यह पीठ 4 जनवरी को सेवानिवृत्त हो रही है। वहीं, शीर्ष अदालत की सोमवार के मामलों की सूची के अनुसार यह फैसला न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना द्वारा सुनाए जाएंगे जो अलग-अलग हो सकते हैं। इसका मतलब है कि फैसला सर्वसम्मति से होगा। पीठ में जस्टिस गवई और नागरत्न के अलावा जस्टिस नजीर, ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन हैं।

चिदंबरम समेत 58 लोगों ने नोटबंदी के विरोध में डाली है याचिका
नोटबंदी को गलत और त्रुतिपूर्ण बताते हुए कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने तर्क दिया था कि सरकार कानूनी निविदा से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को अपने दम पर शुरू नहीं कर सकती है, जो केवल आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की सिफारिश पर किया जा सकता है। बता दें कि नोटबंदी के विरोध में कोर्ट 58 याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा।

बता दें कि शीर्ष अदालत ने पिछले साल 7 दिसंबर को सरकार और याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को निर्देश दिया था कि वे सरकार के 2016 के फैसले से संबंधित रिकॉर्ड दें। मामले में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि, आरबीआई के वकील और याचिकाकर्ताओं के वकीलों, वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम और श्याम दीवान की दलीलें सुनी गईं थी।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.