प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी समाज के निर्माण के विजन को ध्यान में रखते हुए इस पार्क को विकसित किया जा रहा है, यह पार्क सहानुभूति दर्शाने के स्थान पर संवेदना दिखाएगा : नितिन गडकरी
नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के नागपुर में दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे दिव्यांग पार्क - अनुभूति समावेशी पार्क की आधारशिला रखी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,20 फरवरी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने आज नागपुर, महाराष्ट्र में दुनिया के सबसे बड़े और अनोखे दिव्यांग पार्क – अनुभूति समावेशी पार्क की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समावेशी समाज के निर्माण के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन को ध्यान में रखते हुए इस पार्क को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहानुभूति दर्शाने के बजाय यह पार्क संवेदना दिखाएगा, इसलिए इस पार्क का नाम अनुभूति दिव्यांग पार्क रखा गया है।
श्री गडकरी ने कहा कि इस पार्क के माध्यम से न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में समावेश का संदेश पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि इस पार्क में सभी 21 प्रकार की दिव्यांगता के लिए अनुकूलित सुविधाएं होंगी, इसमें स्पर्श और गंध उद्यान, हाइड्रोथेरेपी इकाई, जल चिकित्सा, मानसिक रूप से विक्षिप्त बच्चों के लिए स्वतंत्र कक्ष, मां जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
श्री गडकरी ने कहा कि नागपुर शहर देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है। वर्ष 2016 में, केंद्र सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम को पारित किया था। उन्होंने कहा कि यह कानून दिव्यांगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने के लिए है। इसी के तहत केंद्र सरकार ने पहल करते हुए दक्षिण भारत और मध्य प्रदेश में कुछ दिव्यांग पार्क बनाए हैं, इसी कड़ी में नागपुर के पारदी परिसर में दिव्यांग बच्चों और आम नागरिकों के लिए यह ‘अनुभूति समावेशी पार्क’ बनाया जा रहा है.
‘दिव्यांग पार्क-अनुभूति इंक्लूसिव पार्क’ से केवल देशभर में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इन्क्लूजन का अर्थात समावेशी समाज संकल्पना का संदेश पहुँचेगा।#Anubhuti_Inclusive_Park #Divyang_Park pic.twitter.com/vgUN9Xx8s6
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 20, 2023
उन्होंने ने कहा कि यह दुनिया का पहला समावेशी दिव्यांग पार्क है। 90 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में बन रहे इस पार्क के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लगभग 12 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि यहां दिव्यांगों के साथ-साथ आम जनता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विभिन्न परियोजनाओं की परिकल्पना की गई है।