रेलवे सुरक्षा बल और यूआईसी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 18वीं विश्व सुरक्षा कांग्रेस में “जयपुर घोषणा” को अपनाया गया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,23 फरवरी। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और इंटरनेशनल यूनियन ऑफ रेलवे (यूआईसी) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 18वीं यूआईसी विश्व सुरक्षा कांग्रेस का उसमें भाग लेने वाले प्रतिनिधियों द्वारा जयपुर घोषणा को अपनाने के साथ आज समापन हो गया। सम्मेलन में दुनिया भर के विशेषज्ञ, हितधारक और प्रतिनिधि “रेलवे सुरक्षा रणनीति: प्रतिक्रियाएं और भविष्य की परिकल्पना” विषय पर ध्यान केन्द्रित करने और रेलवे सुरक्षा में नवीनतम विकास एवं सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए।
सम्मेलन के अंतिम दिन भारत के माननीय प्रधानमंत्री के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पंकज कुमार सिंह ने समापन भाषण दिया। उन्होंने उभरते सुरक्षा खतरों के लिए समाधान विकसित करने के लिए सभी हितधारकों को एक साथ लाने के लिए यूआईसी और इसके सुरक्षा मंच की भूमिका की सराहना की। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते और तस्करों के चंगुल से महिलाओं एवं बच्चों को बचाने के लिए ऑपरेशन एएएचटी जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से भारत में यात्री सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा निभाई गई असाधारण भूमिका पर प्रकाश डाला। रेलवे सुरक्षा के लिए व्यापक समाधान विकसित करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 5जी, आईओटी जैसी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने का आह्वान किया जिसमें बुनियादी ढांचा, संचालन और यात्री अनुभव सहित रेलवे प्रणाली के सभी पहलू शामिल हैं।
आरपीएफ महानिदेशक संजय चंदर जिन्होंने जुलाई 2022 से जुलाई 2024 तक यूआईसी सुरक्षा प्लेटफॉर्म के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला है, ने “जयपुर घोषणा” पढ़ा, जिसमें यूआईसी के लिए एक कार्यात्मक एजेंडे की रूपरेखा तैयार की गई है, जो वैश्विक रेलवे संगठनों को सुरक्षा और संरक्षा के उनके दीर्घकालिक लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकता है। घोषणापत्र में 2025 तक एशिया-प्रशांत, लैटिन अमेरिका और अफ्रीकी क्षेत्रीय असेम्बलियों को पूरी तरह से सक्रिय करके, दुनिया भर में अधिक सुरक्षित रेल नेटवर्क प्रदान करने की दिशा में काम करने के लिए यूआईसी की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
सम्मेलन का अंतिम दिन “यूआईसी सुरक्षा प्रभाग की गतिविधियों पर अपडेट” पर एक सत्र के साथ शुरू हुआ, जिसमें कार्यकारी समूहों पर एक प्रस्तुति, सुरक्षा केन्द्र पर कार्यशाला, और सुरक्षा मंच के अगले चरण शामिल थे। यूआईसी की सुरक्षा प्रभाग की प्रमुख सुश्री मैरी-हेलेन बोनेउ और यूआईसी के सुरक्षा डिवीजन की वरिष्ठ सलाहकार सुश्री डारिया करदेल ने प्रतिनिधियों को अपडेट प्रदान किया। उन्होंने भविष्य में यूआईसी सुरक्षा मंच के लिए परिकल्पित महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों को समाप्त करने के लिए समाधान विकसित करने में रेलवे सुरक्षा बल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। पीकेपी रेलवे, पोलैंड की अध्यक्षता में संकट प्रबंधन कार्य समूह का जनादेश जर्ज़ी ट्रोचा द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया और रेलवे सुरक्षा बल, भारत द्वारा सह-अध्यक्ष मुनव्वर खुर्शीद, महानिरीक्षक, आरपीएफ द्वारा प्रतिनिधित्व किया गया।
एक अभिनव दृष्टिकोण, जिसे वारसॉ, पोलैंड में पिछली विश्व सुरक्षा कांग्रेस के बाद दोहराया गया था, जिसमें सभी चार सत्रों में विचार-विमर्श किए गए मुद्दों पर एक सर्वेक्षण शामिल था। सर्वेक्षण जयपुर, भारत में कांग्रेस में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों और अन्य लोगों के बीच लिया गया था जिन्होंने उपयोगकर्ता के अनुकूल स्लिडो प्लेटफॉर्म पर वर्चुअल रूप से ऑनलाइन भाग लिया। प्रश्नावली में रेलवे स्टेशनों, ट्रेनों और रेलवे प्रणाली के अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर सभी प्रतिभागियों के विचार और राय मांगी गई।
यूआईसी वर्ल्ड सिक्योरिटी कांग्रेस एक शानदार सफलता रही है, जो रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में अपने ज्ञान और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए दुनिया भर के देशों के उद्योग विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और हितधारकों को एक साथ ला रही है।
यूआईसी के बारे में
यूआईसी (यूनियन इंटरनेशनल डेस केमिन्स) या इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ रेलवे की स्थापना 1922 में हुई थी। इसका मुख्यालय पेरिस में है। यह रेल परिवहन के अनुसंधान, विकास और प्रचार के लिए रेलवे क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाला विश्वव्यापी पेशेवर संघ है। सदस्यों को यूआईसी कार्यकारी समूह और असेम्बलियों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए आमंत्रित किया जाता है जहां क्षेत्रीय/विश्वव्यापी मुद्दों पर रेलवे की स्थिति को आकार दिया जाता है। कार्य समूहों में सक्रिय भागीदारी एक समन्वित विश्वव्यापी स्तर पर राय व्यक्त करने और रेलवे क्षेत्र के वजन से लाभ उठाने का एक अनूठा अवसर है। यूआईसी के सुरक्षा मंच को व्यक्तियों, संपत्ति और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा से संबंधित मामलों में वैश्विक रेल क्षेत्र की ओर से विश्लेषण और नीतिगत स्थिति विकसित करने और तैयार करने का अधिकार है।
रेलवे सुरक्षा बल के बारे में
भारत में रेलवे सुरक्षा के क्षेत्र में आरपीएफ प्रमुख सुरक्षा और कानून-प्रवर्तन संगठन है। वर्ष 1957 में एक संघीय बल के रूप में गठित, आरपीएफ रेलवे संपत्ति, यात्री और यात्री क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। आरपीएफ कर्मी राष्ट्र की सेवा करते हैं और इसकी टैगलाइन “सेवा संकल्प” – “सेवा करने का वादा” को शामिल करते हुए अपनी ड्यूटी बढ़-चढ़कर पूरा करते हैं। आरपीएफ अब रेलवे, उसके उपयोगकर्ताओं और उसके हितधारकों की गतिशील सुरक्षा आवश्यकताओं से पूरी तरह अवगत है। आरपीएफ ग्राउंड-जीरो स्तर पर विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुकूल नवीन समाधानों को भी लागू कर रहा है। आरपीएफ को अपने रैंकों में महिलाओं की सबसे बड़ी हिस्सेदारी के साथ भारत के संघीय बल होने का गौरव प्राप्त है।