केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द दाल के भंडार संबंधी ताजा स्थिति की समीक्षा की

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अप्रैल। उपभोक्‍त कार्य विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने प्रमुख दलहन उत्‍पादक और खपत वाले राज्‍यों के साथ अरहर तथा उड़द के भंडार संबंधी ताजा स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

पंजीकृत संस्थाओं की संख्या और भंडार के ताजा जारी किये गए आंकड़ों की राज्यों एवं क्षेत्रों के साथ व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की गई, क्योंकि इस दौरान आयातकों, मिल मालिकों, थोक विक्रेताओं, व्यापारियों आदि जैसी संस्थाओं द्वारा भंडार की स्थिति को उजागर किया जाना सुनिश्चित करने के लिए जोर देने की आवश्यकता महसूस की गई थी।

इस बीच, भंडार की वर्तमान स्थिति दर्शाने वाले वेब पोर्टल पर पंजीकृत संस्थाओं की संख्या में वृद्धि हुई है, यह भी माना गया है कि कुछ राज्यों में हितधारकों की वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है। हालांकि भंडार की ताजा स्थिति के अनुसार कुछ राज्यों में उत्पादन एवं खपत की तुलना में अरहर दाल की मात्रा कम पाई गई है। समीक्षा बैठक में, बाजार के बड़े व्यावसायियों के विस्तार क्षेत्र को व्यापक बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकारों को एफएसएसएआई लाइसेंस, एपीएमसी पंजीकरण, जीएसटी पंजीकरण, गोदामों और सीमा-शुल्क अनुबद्ध गोदामों से संबंधित आंकड़ों पर गौर करने के लिए कहा गया।

बैठक में शामिल हुए राज्यों ने जानकारी को साझा किया है कि वे निगरानी तेज कर रहे हैं। राज्यों ने भंडार की वर्तमान स्थिति दर्शाने वाले वेब पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण और भंडार की ताजा स्थिति को अद्यतित करने को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों तथा इस संबंध में उनके द्वारा किए जा रहे उपायों को भी साझा किया।

राज्यों को विभिन्न व्यापारिक संस्थाओं द्वारा संरक्षित रखे गए भंडार के सत्यापन को पूरा करने और आवश्यक वस्‍तु अधिनियम अधिनियम, 1955 तथा कालाबाजारी की रोकथाम और आवश्यक वस्तु आपूर्ति अधिनियम, 1980 की संबंधित धाराओं के तहत अघोषित भंडार रखने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

उपभोक्ता कार्य विभाग ने जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने के उद्देश्य से 12 वरिष्ठ अधिकारियों को विभिन्न राज्यों की राजधानियों तथा प्रमुख अरहर दाल उत्पादक जिलों एवं व्यापारिक केंद्रों में बाजारों के बड़े व्यापारियों, मिल मालिकों तथा भंडारण संचालकों से बुनियादी तौर पर सही जानकारी प्राप्त करने के लिए नियुक्त किया है; इन वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दी गई सूचना ही इस संबंध में आगे की कार्रवाई का निर्धारण करेगी।

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