समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4जून। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की सूरीनाम यात्रा रविवार से शुरू हो रही है। राष्ट्रपति शनिवार को सूरीनाम और सर्बिया की छह दिवसीय यात्रा के लिए राष्ट्रीय राजधानी से रवाना हुईं। यह राष्ट्रपति मुर्मु की सूरीनाम की पहली यात्रा है। इसके साथ ही, जुलाई 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी दूसरी राजकीय यात्रा भी है। इसके पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में भारत की ओर से शामिल हुई थी।
विदेश मंत्रालय (MEA) के सचिव (पूर्व) सौरभ कुमार ने शुक्रवार को जानकारी दी कि राष्ट्रपति मुर्मु चार से नौ जून तक सूरीनाम और सर्बिया की यात्रा करेंगी। राष्ट्रपति की यात्रा के सूरीनाम चरण के बारे में जानकारी देते हुए, उन्होंने कहा कि वह सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिकाप्रसाद संतोखी के निमंत्रण पर 4-6 जून की राजकीय यात्रा पर सूरीनाम में होंगी।
यह राष्ट्रपति की सूरीनाम की पहली यात्रा होगी। इसके अलावा, यह राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद उनकी पहली राजकीय यात्रा भी है। यह यात्रा ऐतिहासिक महत्व रखती है, क्योंकि राष्ट्रपति सूरीनाम में भारतीयों के आगमन की 150 वीं वर्षगांठ समारोह में मुख्य अतिथि होंगी, जो पांच जून को मनाया जाएगा।
राष्ट्रपति के साथ उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और संसद सदस्य रमा देवी के साथ-साथ एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भी आ रहा है। राष्ट्रपति सूरीनाम के राष्ट्रपति संतोखी के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे।
सात जून से सर्बिया का दौरा करेंगी राष्ट्रपति मुर्मु
अपने दौरे के अगले चरण में मुर्मु सर्बिया का दौरा करेंगी, जो सात जून से शुरू होगा।
उन्हें सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वूसिक से निमंत्रण मिला है।
राष्ट्रपति मुर्मू की सर्बिया यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब कोसोवो में पिछले सप्ताह से तनाव बढ़ रहा है, जिसने 2008 में सर्बिया से स्वतंत्रता की घोषणा की थी।
एक विवादित चुनाव में जातीय रूप से अल्बानियाई मेयरों की नियुक्ति को लेकर प्रदर्शनकारियों के साथ कई झड़पों की सूचना मिल रही है।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत कोसोवो की स्वतंत्रता की घोषणा को मान्यता नहीं देता है और वर्तमान स्थिति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सर्बिया यात्रा को प्रभावित नहीं करेगी।