आयुष स्वास्थ्य सेवाएं और अनुसंधान सुविधा परम्परागत चिकित्सा को बढ़ावा देने की प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करती है– केन्द्रीय आयुष मंत्री

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14जुलाई। आयुष मंत्रालय ने गोवा के रिबंदर में स्वास्थ्य देखभाल और आयुष अनुसंधान सुविधाओं के लिए आयुष स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना की है। इस सुविधा का उद्देश्य स्थानीय समुदाय को उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती आयुष स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और खनिज व समुद्री मूल की दवाओं पर अनुसंधान करने के लिए एक समर्पित संग्रहालय, पुस्तकालय और एक प्रयोगशाला तैयार कर परम्‍परागत चिकित्सा में अनुसंधान को बढ़ावा देना है।

इसका उद्घाटन गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और केन्‍द्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केन्‍द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने किया। इस अवसर पर गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे और आयुष मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

केन्‍द्रीय आयुष, पत्‍तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “आज उद्घाटन की गई आयुष स्वास्थ्य सेवाएं हमारे प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी परम्‍परागत चिकित्सा को बढ़ावा देने की परिकल्‍पना के अनुरूप हैं। भारत के इस प्राचीन चिकित्‍सा विज्ञान के जरिये हम पूरे मानव समाज का कल्याण कर सकते हैं।” यदि हम ऐसी प्रतिबद्धताओं के साथ आगे बढ़ते हैं, तो निश्चित रूप से हम कई अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने में सक्षम होंगे।”

इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, “वर्ष 2014 में आयुष मंत्रालय की स्थापना करके, हमारे प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया और प्रचारित किया कि आयुष प्राचीन चिकित्सा की एक विशिष्ट प्रणाली है और समग्र स्वास्थ्य प्राप्त करने का एक विज्ञान है। मैं गोवा राज्य में इन अनुसंधान संस्थानों के गठन के लिए केन्‍द्रीय आयुष मंत्रालय को धन्यवाद और बधाई देता हूं। गोवा आयुष स्‍वास्‍थ्‍य देखरेख का केन्‍द्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इन संस्थानों के साथ यह भारत में मेडिकल टूरिज्म केन्‍द्र बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ गया है।”

केन्‍द्रीय पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने उम्मीद व्यक्त की कि यह पहल आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के साथ परम्‍परागत चिकित्सा को जोड़ने में सक्षम बनाएगी और उसे मजबूत करेगी। उन्होंने कहा कि हम अनुसंधान को बढ़ावा देने और आयुष को प्रत्येक गांव तक पहुंचाने के लिए सभी प्रयास करेंगे; तभी लोगों को आयुष सेवाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा।

स्वास्थ्य देखभाल और अनुसंधान सुविधाओं के लिए आयुष स्वास्थ्य सेवाओं में सीसीआरएएस- खनिज और समुद्री औषधीय संसाधनों के लिए क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, सीसीआरएच- क्लीनिकल रिसर्च यूनिट (होम्योपैथी), सीसीआरएस- सिद्ध क्लीनिकल रिसर्च यूनिट, सीसीआरवाईएन- क्लीनिकल रिसर्च यूनिट और सीसीआरयूएम- यूनानी स्पेशलिटी क्लीनिक शामिल हैं। खनिज और समुद्री मूल की दवाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले अनुसंधान के लिए ओपीडी, औषधालय, पंचकर्म और प्रयोगशाला का प्रावधान किया गया है।

संस्थान आयुष चिकित्सा प्रणालियों के माध्यम से राज्य के हर क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाली और किफायती स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए काम करेंगे। इनका उद्देश्य बुनियादी ढांचे और मानव संसाधनों का विस्तार, प्रतिष्ठित समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ प्रभावी सहयोग के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों में अनुसंधान को बढ़ावा देना है। यह आधुनिक दवाओं के साथ आयुष सेवाओं को मुख्यधारा में लाने और जोड़ने की दिशा में भी काम करेंगे और नवाचारों को प्रोत्साहित करेंगे।

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