मध्य प्रदेश डायरी: रवीन्द्र जैन
केन्द्रीय मंत्रिमंडल से वीरेन्द्र सिंह की छुट्टी के संकेत!
लगातार ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि मप्र भाजपा के वरिष्ठ सांसद और केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेन्द्र सिंह की मंत्रिमंडल से छुट्टी हो सकती है। वीरेन्द्र सिंह दलित वर्ग के नेता हैं। वे पहले सागर और अब टीकमगढ से भाजपा सांसद हैं। दलित और वरिष्ठ होने के कारण उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिला था, लेकिन केन्द्रीय मंत्री के रूप में वे कुछ खास नहीं कर पाए। पिछले दिनों भोपाल में अमित शाह ने पार्टी की बैठक में मप्र के सभी केन्द्रीय मंत्रियों को बुलाया, लेकिन वीरेन्द्र सिंह को बुलावा नहीं भेजा गया। इसी बीच वीरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक तीखा पत्र लिखकर वायरल कर दिया जिसमें 2013 से 2018 के बीच की गई घोषणाओं को पूरा करने की मांग की। इससे भी संदेश गया की वीरेन्द्र सिंह राज्य सरकार और शिवराज सिंह चौहान से नाराज हैं। वीरेन्द्र सिंह की पटरी टीकमगढ के भाजपा राकेश गिरी से भी नहीं बैठ रही। मप्र भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तैयारी से जिस तरह वीरेन्द्र सिंह को दूर रखा है। उससे अटकलें शुरु हो गई हैं कि उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी होने वाली है। जबकि वीरेन्द्र सिंह के अलावा मप्र कोटे के चार केन्द्रीय मंत्रियों को चुनाव की तैयारी में लगाया गया है।
विभाग के सप्लायर ने आईपीएस को बनाया जीजा!
मप्र पुलिस महकमे में एक “जीजा-साले” की जोड़ी खूब चर्चा में है। उप्र के रहने वाले एक तेजतर्रार सप्लायर ने पुलिस महकमे को उपकरण सप्लाई करने के लिए एक आईपीएस को अपना जीजा बना लिया है। जीजा साले का रिश्ता बनते ही सप्लायर विभाग में जमकर चांदी काट रहा है। इस सप्लायर ने पुलिस विभाग को कुछ संवेदनशील वाहन सप्लाई किये थे। इन वाहनों का मेंटीनेंस नहीं किया तो वे सब कबाड़ हो गये। तत्कालीन डीजीपी ने इस सप्लायर को एक वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। एक वर्ष होते ही सप्लायर पुलिस विभाग में फिर सक्रिय हो गया। आईपीएस को जीजा बनाते ही उसे विभाग के करोड़ों के काम मिल गये हैं। आईपीएस अफसर रिटायरमेंट के पहले इस साले के जरिए बुढ़ापे की व्यवस्था में लग गये हैं। मजेदार बात यह भी है कि इस सप्लायर ने राजधानी भोपाल में मप्र के वरिष्ठ अफसरों की अवैध काॅलोनी में बेहद शानदार महलनुमा बंगला बनाया है। जहां अफसरों की पार्टियां होती हैं।
ग्वालियर महल की राजनीति का नया रूप!
इस सप्ताह ग्वालियर महल की राजनीति का नया रूप देखने मिला। लंबे समय से माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया का विरोध करने वाले भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया और प्रभात झा को बेहद सम्मान के साथ महल में आमंत्रित किया गया और उन्हें राष्ट्रपति के साथ भोजन की टेबल पर बिठाया गया था। जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया की सगी बुआ मप्र की वरिष्ठ मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया इस दौरान दूर दूर तक नजर नहीं आईं। यहां बता दें कि जयभान सिंह पवैया की पूरी राजनीति महल के विरोध पर टिकी हुई है। जबकि प्रभात झा तीन वर्ष पहले तक सिंधिया को सबसे बड़ा भू-माफिया कहकर संबोधित करते थे। राष्ट्रपति से पहले अमित शाह महल में आए थे तब यशोधरा राजे सिंधिया मौजूद थीं। लेकिन राष्ट्रपति के महल आगमन पर उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया।
दलबदल करने वाले सबसे बुजुर्ग नेता
मप्र के पूर्व मंत्री अखंड प्रताप सिंह को दलबदल करने वाले सबसे बुजुर्ग नेता के साथ साथ मप्र की राजनीति में सबसे अधिक दलबदल करने वाले नेता का खिताब भी दिया जा सकता है। लगभग 85 वर्ष के बुंदेलखण्डी अखंड प्रताप सिंह ने पिछले दिनों भाजपा का दामन छोड़कर आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली है। उनकी मूल विचारधारा किसी को नहीं पता। वे कांग्रेस सरकार में दिग्विजय केबिनेट में मंत्री रहे। कांग्रेस से नाराज हुए तो बहुजन समाज पार्टी में चले गये। वहां पटरी नहीं बैठी तो भाजपा में आ गये। पिछले उपचुनाव में पृथ्वीपुर विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े। बुरी तरह हारे तो भाजपा में वापस चले गये। अब आम आदमी पार्टी के साथ हैं। यहां बता दें कि अखंड प्रताप सिंह के एक बेटे मप्र विधानसभा में प्रमुख सचिव हैं। दूसरे बेटे टीकमगढ भाजपा के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। दूसरे बेटे भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, लेकिन बुरी तरह हार गए थे।
हंगामे वाले ट्वीट की सच्चाई!
इस सप्ताह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा की पत्नी श्रुति मिश्रा के एक ट्वीट ने राजनीति में हडकंप मचा दिया। उन्होंने सिर्फ एक शब्द लिखा था – उल्टी गिनती शुरु। उनके इस ट्वीट के कई अर्थ लगाये जाने लगे। भाजपाई इसके मायने तलाश रहे थे। कांग्रेसियों ने इस ट्वीट को भाजपा की अंदरूनी राजनीति से जोड़कर बयानबाजी शुरु की। हमने इस ट्वीट की सच्चाई का पता लगाया तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। दरअसल श्रुति मिश्रा लंबे समय से सपरिवार तिरुपति बालाजी दर्शन करने जाना चाहती थीं, लेकिन वीडी शर्मा व्यस्तता के कारण समय नहीं निकाल पा रहे थे। इस सप्ताह उन्होंने अपनी बिटिया का दूसरा जन्मदिन तिरुपति में मनाने का फैसला किया। तिरुपति जाने की तैयारी करते हुए यात्रा शुरु होने से एक दिन पहले श्रुति मिश्रा ने यात्रा की उल्टी गिनती शुरु के स्थान पर सिर्फ उल्टी गिनती शुरु ट्वीट कर दिया।
कमलनाथ-बागेश्वर महाराज की जुगलबंदी
आखिर देश के सबसे चर्चित कथावाचक और सनातन धर्म की ध्वजा लेकर चलने वाले बागेश्वर महाराज यानि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने मप्र कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बनवाये हनुमान मंदिर पर तीन दिन की कथा करने की तारीख दे दी है। बागेश्वर महाराज 5 से 7 अगस्त तक छिंदवाड़ा में कमलनाथ के मेहमान होंगे। इससे राजनीतिक खुसर फुसर शुरु हो गई है। दरअसल बागेश्वर महाराज आजकल खुलकर भारत को हिन्दु राष्ट्र बनाने की बात कर रहे हैं। यह मुद्दा कांग्रेस की विचारधारा से मेल नहीं खाता। छिंदवाड़ा में बागेश्वर महाराज के लिए मंच कमलनाथ सजाएंगे और तीन दिन वहां रहेंगे भी। यदि कथा के दौरान बागेश्वर महाराज भाजपा के एजेंडे को आगे बढ़ाते हैं तो कहीं ऐसा न हो कि कमलनाथ का नुकसान हो जाए। फिलहाल कमलनाथ ने साफ्ट हिन्दुत्व की लाईन पकड़ रखी है।
और अंत में…!
भोपाल में रहने वाले रिटायर आईएएस आईपीएस अफसरों का एक समूह राज्य सरकार के खिलाफ धीरे धीरे मुखर होता जा रहा है। अभी तक यह अफसर सोशल मीडिया के जरिये सरकार की नीतियों पर हमले करते रहे हैं। लेकिन इस सप्ताह इन अफसरों को सरकार के खिलाफ सड़क पर देखा गया। सीधी के पेशाब कांड के खिलाफ इन अफसरों ने सिविल सोसाइटी के बैनर तले प्रदर्शन किया। खबर आ रही है कि मप्र में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं इन अफसरों की सक्रियता भी बढ़ने लगी है। पर्दे के पीछे रहकर यह अफसर राज्य सरकार के खिलाफ विपक्ष को धारदार मुद्दे भी दे रहे हैं। कुछ अफसर खुलकर कांग्रेस का काम कर रहे हैं। कुछ गुपचुप तरीके से कांग्रेस की चुनावी रणनीति बनाने में मदद कर रहे हैं।