समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1अगस्त। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में दिल्ली सर्विसेज बिल पेश किया. इस बिल को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. दिल्ली में बड़े सरकारी अधिकारियों (IAS) के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार में लंबे समय से विवाद चला आ रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में निर्णय दिया, लेकिन केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश यानी ऑर्डिनेंस के जरिए उस फैसले को पलट दिया. अब उसी अध्यादेश को कानूनी रूप दिया जा रहा है. इसके लिए बिल को लोकसभा में पेश किया गया है.
गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा के सामने बिल पेश किया. जबकि गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अध्यादेश लाने का कारण भी बताया. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और कई विपक्षी पार्टियां इस विधेयक का विरोध कर रही हैं. बिल के विरोध में लंबे समय तक केंद्र की सत्ता में रही कांग्रेश भी शामिल है. हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि YSR कांग्रेस इस बिल के समर्थन में वोटिंग करेगी.
बिल के संबंध में कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि यह बिल दिल्ली विधानसभा और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नीचा दिखाता है. बिल पेश करते हुए अमित शाह बोले कि आर्टिकल 249 के तहत इस सदन के पास शक्ति है कि वह दिल्ली के लिए कानून बनाएं.
इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार को दिल्ली से जुड़े तमाम बड़े अधिकार मिल जाएंगे. इसमें दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों की सेवा, उनके ट्रांसफर-पोस्टिंग और सर्विस कंडीशन जैसी अन्य चीजें भी शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाने के बाद केंद्र सरकार 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई, जिसके जरिए केंद्र ने उन सभी शक्तियों को फिर से अपने हाथ में ले लिया, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार के पास चली गई थीं.