जी-20 बैठक के दौरान भारत ग्लोबल साउथ की चिंताओं को वैश्विक मंच पर रखने का प्रयास कर रहा है: डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12अगस्त। विदेश मंत्री डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर ने कहा है कि जी-20 बैठक के दौरान भारत ग्लोबल साउथ की चिंताओं को वैश्विक मंच पर रखने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक दबाव के कारण इस क्षेत्र के कई देश अपनी आर्थिक प्रगति जारी नहीं रख सके हैं और अपने सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
आकाशवाणी समाचार से विशेष बातचीत में डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन इन देशों की विकास प्रक्रिया में सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए धन राशि और हरित प्रौद्योगिकी प्रदान करके विकसित देशों को विकासशील देशों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए।
विदेश मंत्री ने कहा कि जी-20 को दो प्रमुख मतभेदों – यूक्रेन संकट के कारण पूर्व-पश्चिम के बीच मतभेद और उत्तर-दक्षिण के बीच मतभेद को दूर करना है। डॉक्टर जयशंकर ने कहा कि भारत अब कुछ हद तक महत्वपूर्ण स्थिति में है और हमें पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण के बीच मतभेदों को दूर करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में इसे हासिल करने का बडा दायित्व होगा।
विदेश मंत्री डॉक्टर जयशंकर का पूरा साक्षात्कार आज रात सवा नौ बजे एफएम गोल्ड और अतिरिक्त मीटरों पर सुना जा सकता है।