समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17 अगस्त। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज राजभवन, कोलकाता में ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत ‘मेरा बंगाल, व्यसन मुक्त बंगाल’ अभियान का शुभारंभ किया।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि मादक द्रव्यों का दुरुपयोग समाज और देश के लिए चिंता का विषय है। इन व्यसनों के कारण युवा अपने जीवन में सही दिशा नहीं चुन पाते हैं। यह अत्यंत चिंताजनक है और इस मामले में सभी मोर्चों पर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में आध्यात्मिक जागृति, चिकित्सा, सामाजिक एकजुटता और राजनीतिक इच्छाशक्ति के माध्यम से सुधार किया जा सकता है। उन्होंने ऐसे मुद्दों पर चर्चा करने और उनके समाधान की दिशा में काम करने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ जैसे संगठनों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी प्रकार का व्यसन मानसिक तनाव और साथियों के दबाव के कारण विकसित होता है। नशे की लत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। व्यसन से कई अन्य विकार भी उत्पन्न होते हैं। व्यसन करने वाले लोगों के परिवार और मित्रों को भी काफी परेशानी होती है। उन्होंने सभी युवाओं से आग्रह किया कि वे नशे के आदी किसी भी मित्र की जानकारी उसके परिवार को दें।
राष्ट्रपति ने मादक पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों से अपना जीवन नष्ट नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अगर वे किसी भी तरह के तनाव में हैं तो उन्हें अपने मित्रों, परिवार या किसी सामाजिक संगठन से बात करनी चाहिए। ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका वे अपनी इच्छाशक्ति से सामना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व मादक द्रव्यों के उपयोग और नशे की लत का फायदा उठाते हैं। मादक द्व्यों को खरीदने में खर्च होने वाले पैसे का उपयोग आपराधिक गतिविधियों में भी किया जाता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नशे के आदी लोग अपनी भलाई तथा समाज और देश के हित में इस बुरी आदत से बाहर आएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि युवा हमारी सबसे महत्वपूर्ण संपत्ति हैं। उन्हें अपना समय और अपनी ऊर्जा भविष्य की नींव को मजबूत करने में लगानी चाहिए, वह नशे की वजह से बर्बाद हो रही है। शिक्षण संस्थानों को यह पता लगाना चाहिए कि क्या विद्यार्थी गलत दिशा में जा रहे हैं। यदि कुछ सामने आता है, तो तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।