गणेश चतुर्थी के अवसर पर नई संसद में शुरू होगा काम- काज, नई ड्रेस में नजर आएंगे संसद के कर्मचारी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,12सिंतबर। 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन, 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर पूजा करने के बाद नए संसद भवन में कामकाज शुरू हो जाएगा। इस विशेष सत्र के दौरान संसद भवन के कर्मचारी भी नई ड्रेस में नजर आएंगे। संसद के इस विशेष सत्र में संसद के सभी पुरुष और महिला कर्मचारी नई ड्रेस में नजर आएंगे। बताया जा रहा है कि सभी कर्मचारियों की ड्रेस यहां तक कि जूते तक को बदल दिया गया है। नई ड्रेस में कमल के फूल और खाकी रंग को भी तवज्जो दी गई है।

आपको बता दें कि संसद भवन के कर्मचारियों के लिए यह नई ड्रेस निफ्ट द्वारा डिज़ाइन किया गया है। अब सचिवालय के कर्मचारी बंद गले के सूट की बजाय मेजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहने नजर आएंगे। संसद भवन के टेबल ऑफिस के स्टाफ यानी सदन में स्पीकर के सामने बैठने वाले स्टाफ भी इसी ड्रेस में नजर आएंगे। इनकी शर्ट भी गहरे गुलाबी रंग की होगी, जिन पर कमल का फूल बना होगा और ये कर्मचारी अब खाकी रंग की पैंट पहने नजर आएंगे।

दोनो सदनों के मार्शल भी नई संसद में मणिपुरी पगड़ी पहने नजर आएंगे। इसके साथ ही संसद भवन के अन्य सुरक्षाकर्मियों की ड्रेस भी बदल दी गई है। अब ये सुरक्षाकर्मी सफारी सूट की बजाय सैनिकों की तरह कैमोफ्लेज ड्रेस पहने नजर आएंगे।

सूत्रों के मुताबिक, अमृत काल को लेकर सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र के पहले दिन 18 सितंबर को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही संसद के पुराने भवन में उसी तरह से शुरू होगी जैसा कि पहले हुआ करती थी। पहले दिन पुराने भवन में संसद भवन के निर्माण से लेकर आजाद भारत के 75 वर्षों की यादों पर चर्चा हो सकती है।

विशेष सत्र के दूसरे दिन यानी 19 सितंबर से दोनों सदनों की कार्यवाही नए भवन में हो सकती है। बताया जा रहा है कि विशेष सत्र के दूसरे दिन 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के अवसर पर विधिवत ढंग से पूजा करने के बाद नए संसद भवन में कामकाज शुरू हो जाएगा। हालांकि इसे लेकर अभी तक आधिकारिक स्तर पर कोई घोषणा नहीं की गई है।

आपको बता दें कि, अमृत काल के समय में मोदी सरकार ने संसद का यह विशेष सत्र बुलाया है। 18 से 22 सितंबर के दौरान आयोजित होने वाले संसद के इस विशेष सत्र में 5 बैठकें होंगी। यह 17वीं लोक सभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र होगा।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी इस विशेष सत्र को लेकर पहले ही यह उम्मीद जता चुके हैं कि अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में उन्हें संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि सरकार नए संसद भवन में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने पर भी विचार कर रही है।

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