5 लाख की घूस लेते रंगे हाथों पकड़े गए रेलवे अधिकारी, छापेमारी में घर से मिले करोड़ो रुपये

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13 सितंबर। उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी को CBI ने 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में उसके कार्यालय और अलग-अलग जगहों पर तलाशी के दौरान लगभग 2.61 करोड़ रुपये की राशि बरामद की गई थी. नोटों का ढेर देखकर आपकी आंखें चौंधिया जाएंगी. एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे, गोरखपुर के चीफ मटेरियल ऑफिसर केसी जोशी को CBI की लखनऊ इकाई के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को उनके खिलाफ दर्ज FIR के बाद गिरफ्तार किया था.

रिपोर्ट के अनुसार, जोशी के खिलाफ FIR एम/एस सुक्ति एसोसिएट्स के मालिक प्रणव त्रिपाठी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी. अधिकारियों ने बताया कि FIR के बाद, ACB ने जाल बिछाया और उन्हें त्रिपाठी से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. अधिकारियों ने बताया कि इस सिलसिले में उनके कार्यालय और गोरखपुर और नई दिल्ली स्थित आवासों पर छापेमारी की गई. इस दौरान सीबीआई ने करीब 2.61 करोड़ रुपये सीज किये.

क्या है पूरा मामला?
शिकायत का हवाला देते हुए एक CBI अधिकारी ने बताया कि त्रिपाठी ने 9 सितंबर को एजेंसी से संपर्क किया और दावा किया कि आरोपी ने उनसे 7 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी. ऐसा नहीं करने पर GEM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) पोर्टल से उनकी फर्म का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की धमकी दी थी. GEM पोर्टल सभी केंद्र सरकार और राज्य सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और संबद्ध संगठनों के लिए वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के लिए है और यह सार्वजनिक खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का प्रयास करता है.

जनवरी 2023 में त्रिपाठी ने स्टोर डिपो, पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर से सामग्री की आपूर्ति के लिए एक टेंडर जीता, जो 80,000 रुपये प्रति ट्रक प्रति माह के भुगतान के साथ 15.01.2024 तक वैध था. शिकायत में कहा गया, ‘जोशी, जो ऐसे मामलों के लिए ज़िम्मेदार हैं, ने GEM पोर्टल पर त्रिपाठी की फर्म का पंजीकरण रद्द करने के लिए लिखा और रिश्वत न देने पर चल रहे टेंडर रद्द करने की धमकी दी.’ CBI ने शिकायत का सत्यापन किया. शुरुआती जांच में आरोप सही साबित हुए. नतीजतन, CBI ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत FIR दर्ज की.

(इनपुट: IANS)

 

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.