समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 सिंतबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर पारंपरिक कारीगरों एवं शिल्पकारों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ की शुरुआत की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर पीएम विश्वकर्मा लोगो, टैगलाइन और पोर्टल का भी शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विशिष्ट रूप से निर्मित एक स्टाम्प शीट, एक टूल किट, ई-बुकलेट और वीडियो जारी किया। प्रधानमंत्री ने 18 लाभार्थियों को विश्वकर्मा प्रमाण पत्र भी वितरित किये।
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह उत्सव पारंपरिक कारीगरों एवं शिल्पकारों को समर्पित है। उन्होंने देश भर के लाखों विश्वकर्माओं से जुड़ने का अवसर प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर आयोजित की गई प्रदर्शनी का अवलोकन करने के बाद कारीगरों और शिल्पकारों के साथ हुई अपनी बातचीत के शानदार अनुभव का भी उल्लेख किया। उन्होंने नागरिकों से भी इस अवसर का अनुभव करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना लाखों कारीगरों एवं शिल्पकारों तथा उनके परिवारों के लिए आशा की किरण बनकर आ रही है।
प्रधानमंत्री ने देश में रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्माओं के योगदान व महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने अपनी टिप्पणी में कहा है कि प्रौद्योगिकी में चाहे कितनी भी प्रगति क्यों न हो जाए, विश्वकर्मा हमारे समाज में हमेशा ही महत्वपूर्ण बने रहेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समय की ही मांग है कि विश्वकर्माओं को सम्मानित किया जाये और उनका सहयोग किया जाये।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार विश्वकर्माओं की समाज में स्वीकृति को बढ़ावा देने, उनकी क्षमताओं को विस्तार देने और उनकी समृद्धि को बढ़ाने के लिए एक भागीदार के रूप में आगे आई है। उन्होंने इस योजना में शामिल किये गए कारीगरों और शिल्पकारों के 18 मुख्य क्षेत्रों का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना में बढ़ई, लोहार, सुनार, मूर्तिकार, कुम्हार, मोची, दर्जी, राजमिस्त्री, नाई, धोबी आदि को शामिल किया गया है और इस योजना पर 13,000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
प्रधानमंत्री ने हस्तनिर्मित उत्पादों की बढ़ती मांग का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में बड़ी-बड़ी कंपनियां अपना काम छोटे-छोटे उद्यमियों को सौंप देती हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन बाहरी स्रोत से सेवाएं प्राप्त करने का काम हमारे विश्वकर्मा मित्रों को मिले और वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनें, इसके लिए हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि हम इस योजना के माध्यम से विश्वकर्मा बंधुओं को आधुनिक युग में ले जाने का एक प्रयास कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कुशल कारीगरों तथा व्यवसायियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बदलते समय में प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और उपकरण विश्वकर्मा मित्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान विश्वकर्मा मित्रों को प्रतिदिन 500 रुपये का भत्ता प्रदान किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक टूलकिट के लिए 15 हजार रुपये का टूलकिट वाउचर भी उपलब्ध कराया जाएगा और उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग तथा मार्केटिंग में सरकार उनकी सहायता करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि टूलकिट केवल जीएसटी पंजीकृत दुकानों से ही खरीदे जाएंगे और ये उपकरण भारत में निर्मित होने चाहिए।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री ने ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना पर भी प्रकाश डाला, जो हर जिले से अद्वितीय उत्पादों को प्रोत्साहन देती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार वंचितों के विकास को प्राथमिकता देती है।प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी पटरी विक्रेताओं के लिए बैंक के दरवाजे खोलने तथा ‘दिव्यांगों’ को विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “मोदी उन लोगों के कल्याण के लिए खड़ा है, जिनकी परवाह करने वाला कोई नहीं है।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे यहां पर सेवा करने, सम्मान का जीवन देने और यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि लोगों के बीच सेवाओं का वितरण बिना किसी परेशानी के हो। उन्होंने कहा, “यह मोदी की गारंटी है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया ने जी20 शिल्प बाजार में प्रौद्योगिकी व परंपरा के मिश्रण का प्रतिफल देखा था। उन्होंने बताया कि शिखर सम्मेलन में आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए उपहारों में भी विश्वकर्मा मित्रों के उत्पाद शामिल थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वोकल फॉर लोकल के प्रति ये समर्पण पूरे देश की जिम्मेदारी है। उन्होंने आह्वान किया कि पहले हमें लोकल के लिए वोकल बनना होगा और फिर लोकल को ग्लोबल बनाना होगा।
प्रधानमंत्री ने देश में आने वाले पर्व जैसे गणेश चतुर्थी, धनतेरस, दीपावली तथा अन्य त्योहारों का जिक्र करते हुए देश के प्रत्येक नागरिक से स्थानीय उत्पाद खरीदने का आग्रह किया। उन्होंने विशेष रूप से उन उत्पादों को लेने का आग्रह किया, जिनमें देश के विश्वकर्माओं का योगदान रहा है।
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल गुवाहाटी से पीएम विश्वकर्मा योजना के इस अविस्मरणीय प्रयास में प्रधानमंत्री के साथ शामिल हुए।
सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना हमारे ओजस्वी नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश की जनता के कल्याण के लिए किये जा रहे कार्यों का एक और प्रमाण है तथा प्रधानमंत्री की समाज में सभी के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता सर्वोपरि है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास दृष्टिकोण ने पीएम विश्वकर्मा के विचार को सक्रिय किया है। उन्होंने कहा कि यह योजना न केवल हमारे देश के हाशिए पर रहने वाले वर्ग को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय सदस्य बनने में सहायता करेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारतीयों का एक नया इकोसिस्टम तैयार करने में भी मदद करेगी, जो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सुसज्जित होगा। सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि यह योजना देश के शिल्पकारों एवं कारीगरों को अपनी कला में “सर्वश्रेष्ठ” बनने के लिए सशक्त करेगी और क्यूरेटेड इकोसिस्टम उन्हें बाकी दुनिया के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व के तहत, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है तथा अब भारत वैश्विक स्तर पर मान, सम्मान एवं गौरव की स्थिति पर कायम है और ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के माध्यम से हमारे पारंपरिक कारीगरों के सशक्तिकरण के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा रहा है।
इस अवसर पर सर्बानंद सोनोवाल के साथ असम सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य और सार्वजनिक उद्यम तथा सांस्कृतिक कार्य मंत्री बिमल बोरा; गुवाहाटी से संसद सदस्य (लोकसभा) क्वीन ओजा; एसआईटीए के उपाध्यक्ष रामेन डेका; संसद सदस्य (राज्यसभा) पबित्रा मार्गेरिटा; गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) की मेयर मृगेन सरानिया भी अन्य अधिकारियों के साथ उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कारीगरों और शिल्पकारों ने भी भाग लिया, जो पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।