यूपी सरकार ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के लिए हाई लेवल कमेटी का गठन किया, जारी रही वकीलों की हड़ताल

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समग्र समाचार सेवा
लखनऊ ,20सिंतबर। यूपी सरकार ने मंगलवार को राज्य में अलग अलग जिलों में चल रही वकीलों की हड़ताल के बीच एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के लिए 3 सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में वकील पिछली 29 अगस्त को हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ 30 अगस्त से हड़ताल कर रहे हैं.

यह समिति अधिवक्ता संरक्षण विधेयक के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी और आवश्यक एवं उचित कार्रवाई के लिए राज्य विधि आयोग को अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी. इस समिति में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष द्वारा नामित सदस्य शामिल होंगे.

बता दें कि हापुड़ जिले में पिछले महीने वकीलों पर हुए कथित लाठीचार्ज के विरोध में लखनऊ, गाजियाबाद और हापुड़ सहित कुछ अन्य जिलों में वकील मंगलवार को भी न्यायिक कार्य से अलग रहे. उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा 14 सितंबर को लखनऊ में मुख्य सचिव से वार्ता के बाद हड़ताल वापस लिये जाने के बावजूद वकीलों की हड़ताल जारी है. बार काउंसिल के फैसले के बाद जहां लखनऊ बार एसोसिएशन अपनी हड़ताल जारी रखे हुए है, वहीं गाजियाबाद के वकील भी सोमवार से हड़ताल में शामिल हो गए.

लखनऊ बार एसोसिएशन ने 21 सितंबर को आगे की रणनीति तय करने का फैसला किया:
लखनऊ बार एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप नारायण मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को लखनऊ बार एसोसिएशन की आम सभा की बैठक हुई, जिसमें वकीलों ने 21 सितंबर तक न्यायिक कार्य से अलग रहने और उसी दिन अपनी भविष्य की रणनीति तय करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि हापुड़ लाठीचार्ज में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई है और इसे लेकर वकीलों में आक्रोश है.

गाजियाबाद में भी वकील न्यायिक कार्य से अलग रहे और चैंबर बंद रखे:
गाजियाबाद में भी वकील न्यायिक कार्य से अलग रहे और अपने चैंबर बंद रखे. हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को गाजियाबाद अदालत में सभी चैंबर और यहां तक ​​कि चाय और फोटो कॉपी की दुकानें भी बंद रहीं. गाजियाबाद से हापुड़ रवाना होने से पहले जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश त्यागी ने कहा कि जब तक हापुड के वकीलों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक सभी अधिवक्ता प्रतिदिन हापुड जाकर धरने में शामिल होंगे. उन्होंने कहा, “जब तक दोषी अधिकारियों को सजा नहीं मिल जाती, तब तक हड़ताल खत्म नहीं की जाएगी. दूसरी ओर, अधिवक्ताओं की एक अन्य समूह के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने भी सरकार द्वारा हापुड़ में वकीलों पर दर्ज मामले खारिज नहीं होने तक जिला कोर्ट बार एसोसिएशन की हड़ताल को अपना समर्थन दिया है.

15 सितंबर को हापुड़ के अपर पुलिस अधीक्षक सहित तीन अफसरों को हटाया गया था:
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल द्वारा 14 सितंबर की रात को वकीलों की प्रदेश व्यापी हड़ताल वापस लिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने 15 सितंबर को हापुड़ के अपर पुलिस अधीक्षक सहित तीन अधिकारियों को हटा दिया था. हापुड़ के पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) मुकेश चंद्र वर्मा, क्षेत्राधिकारी (शहर) अशोक कुमार सिसोदिया और हापुड नगर के थाना प्रभारी सतेंद्र प्रकाश सिंह को सरकार के निर्देश पर जिले से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है.

हापुड़ में आज भी वकीलों की हड़ताल जारी रही:
हापुड़ में आज भी वकीलों की हड़ताल जारी रही. वे जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के तबादले तथा दोषी अधिकारियों के निलंबन की मांग कर रहे हैं. हापुड़ बार एसोसिएशन के सचिव नरेंद्र शर्मा ने कहा कि जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा और वकीलों पर लाठीचार्ज के दोषी अन्य अधिकारियों के निलंबन के तक वे अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे.

गोरखपुर में वकील 30 अगस्त से हड़ताल पर:
दीवानी अदालत अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि गोरखपुर में वकीलों ने मंगलवार को हड़ताल जारी रखी. वकील बुधवार से अपना काम फिर से शुरू करेंगे. गोरखपुर में वकील 30 अगस्त से हड़ताल पर हैं. उन्होंने अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम की अपनी मांग जारी रखने का भी निर्णय लिया. इसके लिए हर शनिवार को विरोध प्रदर्शन होगा. वकीलों की हड़ताल 29 अगस्त को हापुड़ में एक महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा उन पर लाठीचार्ज किए जाने के बाद शुरू हुई थी.

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