समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2अक्टूबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गांधी जयंती पर कहा कि “समस्त नागरिकों की तरफ से, मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154वीं जन्म-जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
सत्य और अहिंसा संबंधी गांधी जी के आदर्शों ने विश्व के लिये एक नया मार्ग प्रशस्त किया। गांधी जी ने जीवन भर न केवल अहिंसा का पालन किया, बल्कि उन्होंने स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और किसानों के अधिकारों के लिये आवाज उठाई तथा अस्पृश्यता, सामाजिक भेदभाव व निरक्षरता के विरुद्ध संघर्ष किया। गांधी जी ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिये हमें प्रेरित किया था और ऐसे विशाल जन आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसने इतिहास की धारा बदल डाली और हमें स्वतंत्रता दिलाई।
मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला, बराक ओबामा और अनेक अन्य राजनेताओं को गांधी जी के विचारों ने प्रभावित किया है। गांधी जी की सशक्त और जीवंत विचारधारा विश्व के लिये सदैव प्रासंगिक बनी रहेगी।
गांधी जयंती के पवित्र अवसर पर, आइये हम उनके विचारों का अनुसरण करने तथा उनके उपदेशों को अपने विचारों, वचनों और कर्म में उतारने तथा देश के कल्याण के लिये स्वयं को समर्पित करने की शपथ लें।”
उपराष्ट्रपति ने कहा कि गांधी जयंती के अवसर पर सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ..
महात्मा गांधी के सत्य (सत्याग्रह) और अहिंसा के सिद्धांतों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए औपनिवेशिक शासन के खिलाफ संघर्ष में मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। स्वतंत्रता और समानता के लिए उनके द्वारा किए गए निरंतर प्रयास न केवल भारत बल्कि पूरे वैश्विक समुदाय के लिए एक न्यायपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण समाज की स्थापना में प्रकाश स्तंभ की तरह हैं ।
इस शुभ अवसर पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आइए हम उनके दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लें और भारत की प्रगति के लिए गांधी जी के आत्मनिर्भरता, समावेशी और आपसी भाईचारे के दृष्टिकोण को आत्मसात करने का प्रयास करें।