Naukri.Com और Go Daddy की फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 7 गिरफ्तार

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23अक्टूबर। दिल्ली पुलिस ने फर्जी वीजा बनाने का रैकेट चलाने वाले गैंग का भंडाफोड़ करते हुए रविवार को 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी कंसलटेंट फी के नाम पर लोगों से 60 हजार रुपये वसूलते थे और कहते थे वे उन्हें दुबई में नौकरी दिलवा देंगे. दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कई फर्जी कंपनियों जैसे- Naukri.com और Go Daddy के नाम पर 1000 लोगों से लाखों रुपये की ठगी की है.

विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर करता था धोखाधड़ी
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ये गैंग Naukri.com से उन लोगो की तलाश करता था जो गल्फ कंट्री मे नौकरी की तलाश में होते थे. इसके बाद फर्जी कंपनी के जरिये उन्हें कॉल करके दुबई नौकरी दिलाने का झांसा देते और हर शिकार हुए शख्स से करीब 60 हजार रुपये झटक लेते थे. पुलिस के मुताबिक, ये गिरोह पहले उस शख्स को टूरिस्ट वीसा लगवाकर विश्वास में लेते थे और फिर दुबई पहुचने के बाद वर्क परमिट मिलने की बात कहकर किश्तों में मोटी रकम ले लेते थे.

आतंकी संगठन से जुड़े हो सकते तार
पुलिस ने बताया कि इस पूरे वीजा घोटाले का मास्टरमाइंड इनामुल हक है, जो दरभंगा का रहने वाला है. इनामुल इंजीनियरिंग कर चुका है और पढाई पूरी करने के बाद फेक वीसा रैकेट चलाकर लोगो को चूना लगाता था. पुलिस ने बताया कि गैंग के निशाने पर अधिकतर केरला और साउथ इंडिया के लोग होते थे. जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि गिरोह कर सरग़ना इनामुल हक के रिश्तेदार के तार आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़े हुए है. पुलिस अब मामले की गहनता से जांच में जुट गई है कि क्या ये गैंग सिर्फ फेक वीसा रैकेट से ही जुड़ा था? या कहीं इनके तार किसी आतंकी संगठन से जुड़े हैं.

OLA की फर्जी वेबसाइट बनाकर लूटे 5 करोड़
इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने फर्जी वेबसाइट बनाने और देशभर में 2,000 से अधिक लोगों धोखाधड़ी और करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गैंग का भी खुलासा किया. इस मामले में पुलिस ने दिल्ली से चार जबकि बिहार से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से 11 मोबाइल, सौ फर्जी सिम, तीन लैपटाप व पांच एटीएम कार्ड बरामद किए हैं. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया गिरफ्तार हुए लोगों की पहचान दिल्ली के सुलेमान नगर निवासी राजा उर्फ साहिल, सुल्तानपुरी निवासी विकास व मोहम्मद सुहैल अंसारी, किराड़ी अंकित यादव, बिहार के नालंदा निवासी कन्हैया महतो, बिहारी पासवान उर्फ उदय इसके भाई अजीत पासवान के रूप में हुई है.

Ad के जरिए ठगी का नया तरीका
अधिकारी ने बताया कि 7 अक्टूबर को विजय पाहवा नाम के एक शख्स ने शाहदरा साइबर सेल में ठगी की शिकायत की, जिसमें बताया कि वह एक ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदना चाहते थे. इसके लिए पाहवा ऑनलाइन सर्फिंग कर रहे थे, इसी दौरान उन्हें http://energy.simpleone.online वेबसाइट दिखी, जिस पर इलेक्ट्रिक स्कूटी उपलब्ध थी. वह जैसे ही लिंक पर क्लिक करते तो उन्हें एक मोबाइल नंबर मिला जिस पर पाहवा ने संपर्क किया. आरोपियों ने उन्हें ऑनलाइन स्कूटी बेचने का आश्वासन दिया और स्कूटी के कई मॉडल भेजे. इसके बाद पाहवा ने आरोपियों द्वारा दिए गअ बैंक खाते में 1.15 लाख रुपये डाल दिए. उसके बाद आरोपियों ने पीड़ित के सवालों का जवाब देना बंद कर दिया और बाद में पता चला कि पाहवा को एक जैसी दिखने वाली वेबसाइट के जरिए ठगा गया है.

 

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