एशियाई पैरा खेलों में हमारे एथलीटों का ऐतिहासिक प्रदर्शन खेल जगत में भारत की बढ़ती शक्ति को दर्शाता है: अनुराग सिंह ठाकुर

भारतीय पैरा-एथलीटों ने एशियाई पैरा खेलों में भारत के अब तक के सबसे अधिक पदकों के साथ इतिहास रचा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29अक्टूबर। भारतीय पैरा-एथलीटों ने एशियाई पैरा खेलों में भारत के अब तक के सबसे अधिक पदकों के साथ इतिहास रच दिया है। उन्होंने 29 स्वर्ण पदकों सहित कुल 111 पदक जीते। इससे पहले भारत ने एशियाई पैरा खेलों के 2010 संस्करण में 14 पदक, 2014 में 33 और 2018 में 72 पदक जीते थे। इन खेलों की शुरुआत के बाद से यह भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जहां भारत समग्र पदक तालिका में पांचवें स्थान पर रहा। भारत ने इस वर्ष अपना सबसे बड़ा दल भेजा था, जिसमें 303 एथलीट (191 पुरुष और 112 महिला) शामिल थे। कुल 111 पदकों में से महिला एथलीटों ने 40 पदकों का योगदान दिया है, यानी कुल पदकों में 36 प्रतिशत की हिस्सेदारी की।

इस रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन के बारे में बोलते हुए, केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “यह प्रदर्शन हमारे एथलीटों की कड़ी मेहनत और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खेलों से जुड़ी सही नीतियों की शुरूआत को दर्शाता है। चाहे वह जमीनी स्तर पर खेलो इंडिया योजना हो या सर्वोत्कृष्ट एथलीटों से संबंधित टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना, इन योजनाओं के माध्यम से दिया गया समर्थन वास्तव में अब परिणाम देने लगा है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि 8 खेलो इंडिया एथलीटों और 46 टॉप्स एथलीटों ने इन खेलों में भाग लिया और 111 पदकों में से कुल 38 पदक जीते। साथ ही, 2014 की तुलना में खेल बजट में तीन गुना वृद्धि ने भी हमें अपने सभी एथलीटों को बेहतर समर्थन प्रदान देने की क्षमता दी है, चाहे वह प्रशिक्षकों के मामले में हो या फिर प्रशिक्षण, विदेश में अनुभव हासिल करने, आहार, बुनियादी ढांचे के संदर्भ में।”

उन्होंने यह भी कहा, “हाल ही में संपन्न एशियाई खेलों के साथ-साथ इन एशियाई पैरा खेलों और पिछले ओलंपिक, पैरालंपिक, सीडब्ल्यूजी, डेफ्लंपिक्स में एथलीटों का शानदार प्रदर्शन यह दर्शाता है कि खेलों में भारत की शक्ति बढ़ रही है। और जैसाकि माननीय प्रधानमंत्री ने हाल ही में आईओसी की बैठक में कहा, भारत न सिर्फ बेहतर प्रदर्शन कर रहा है बल्कि बड़े आयोजनों की मेजबानी के लिए भी तैयार है, चाहे वह 2030 में युवा ओलंपिक हो या 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक।”

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