सीएमओटी युवाओं को मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करता है: केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर
54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में '48 आवर फिल्म चैलेंज' लॉन्च किया गया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21नवंबर। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने ’75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो’ (सीएमओटी) पहल के विजेताओं के लिए ’48 आवर फिल्म चैलेंज’ का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत सरकार रोजगार सृजन, रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, उत्कृष्ट कलाकारों को संरक्षण प्रदान करने और युवाओं को फिल्मों के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्साही व्यक्तियों के एक मजबूत रचनात्मक समुदाय को बढ़ावा देने में ’75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो’ की भूमिका की सराहना करते हुए, अनुराग सिंह ठाकुर ने कड़ी जूरी प्रक्रिया के माध्यम से चुने गए पहल के शीर्ष 75 प्रतिभागियों को बधाई दी।
अनुराग सिंह ठाकुर ने यह भी कहा कि सीएमओटी देश के दूर-दराज के कोनों से युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और मार्गदर्शन करने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “इस साल के 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो भारत के 19 अलग-अलग राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से हैं, जिनमें बिष्णुपुर (मणिपुर), जगतसिंहपुर (ओडिशा), और सरदारपुर (मध्य प्रदेश) जैसे स्थान शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य उन्हें मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में अद्वितीय अवसर प्रदान करना है।”
ठाकुर ने तमिलनाडु की एक युवा अभ्यर्थी की मार्मिक कहानी सुनाई, जिसने पिछले साल सीएमओटी में भाग लिया था। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उसके माता-पिता उसे गोवा भेजना नहीं चाहते थे लेकिन सीएमओटी के लिए गहन चयन प्रक्रिया और उसके जरिये मिलने वाले अविश्वसनीय अवसरों को समझने के बाद उसके माता-पिता उसे अपने सपनों को पूरा करने की अनुमति देने के लिए खुशी-खुशी तैयार हो गये। इस लड़की और उसकी टीम ने पिछले साल 2,25,000 रुपये के नकद पुरस्कार के साथ 53 घंटे का चैलेंज जीता था। उसकी विजेता फिल्म ‘डियर डायरी’ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भविष्य में महिलाओं की सुरक्षा कैसे अहम और आम बात हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह मंच चाहता है कि इस तरह की सफलता की कहानियां लिखी जाएं।
केंद्रीय मंत्री ने प्रतिभागियों के करियर पर इस पहल के प्रभाव को दर्शाते हुए सीएमओटी के पिछले संस्करणों की उपलब्धियों को भी साझा किया। इसमें सुबर्ना डैश शामिल हैं जिनकी एनिमेटेड फिल्म को टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव, 2023 में प्रदर्शित किया गया था। भास्कर विश्वनाथन और दिगंत्रा बोस जैसे युवा भी उल्लेखनीय हैं जिन्होंने इस साल आईएफएफआई में भारतीय पैनोरमा में शामिल फिल्मों का सह-संपादन और संपादन किया।
फिल्म निर्माण केवल कंटेंट का सृजन करना भर नही है बल्कि इसे अधिक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए यह मार्केटिंग और डिस्ट्रिब्यूशन से भी जुड़ा है। हमारे युवा विचारों एवं उद्योग के बीच नेटवर्किंग और सहयोग को प्रोत्साहित करने तथा इसे सक्षम बनाने के लिए ठाकुर ने बताया कि इस वर्ष आईएफएफआई एक प्रतिभा शिविर का आयोजन कर रहा है, जहां 75 क्रिएटिव माइंड्स को कई जाने-माने प्रोडक्शन हाउसेज़, स्टूडियो तथा ओटीटी प्लेटफॉर्म के प्रतिनिधियों के साथ मिलने, परस्पर बातचीत करने और जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा।
स्टार्टअप की दिशा में सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता पर ध्यान केन्द्रित करते हुए ठाकुर ने कहा कि नई स्टार्टअप नीति के साथ भारत विश्व में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में उभरा है, जहां देश में एक लाख से अधिक स्टार्टअप्स हैं। अपने संबोधन का समापन करते हुए उन्होंने कहा, ‘प्रतिदिन एक नया स्टार्टअप सामने आ रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान जहां बड़ी कंपनियों को भी संघर्ष करना पड़ा, भारत में 50 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न के स्तर तक पहुंच गए, जो भारतीय युवाओं की शक्ति को प्रदर्शित करता है।’ ठाकुर ने 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो के सहभागियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए।
इस कार्यक्रम में शॉर्ट्स टीवी के सीईओ और संस्थापक कार्टर पिल्चर, यूरोपीय फिल्म मार्केट के निदेशक डेनिस रूह, द आर्चीज़ के कार्यकारी निर्माता जॉन गोल्डवाटर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अपर सचिव नीरजा शेखर, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव (फिल्म) और एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक पृथुल कुमार समेत अन्य सम्मानीय अतिथि उपस्थित थे। शॉर्ट्स टीवी के सहयोग से राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम द्वारा सीएमओटी के एक भाग के रूप में ‘48 घंटे की चुनौती’ कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
फिल्म चैलेंज के हिस्से के रूप में, 75 सीएमओटी प्रतिभागियों को पांच टीमों में विभाजित किया गया था, जो 48 घंटों के भीतर ‘मिशन लाइफ’ विषय पर लघु फिल्मों का निर्माण करेंगे। फिल्म महोत्सव के दौरान, सीएमओटी प्रतिभागी विश्व सिनेमा के दिग्गजों द्वारा तैयार की गई कार्यशालाओं तथा मास्टरक्लास सत्रों में भी भाग लेंगे।