समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6दिसंबर। बुधवार को आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का अनुमान जताया गया है. वहीं कई स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा का भी अनुमान है. मंगलवार को कोनासीमा, पश्चिम गोदावरी, एलुरु, कृष्णा, एनटीआर, पालनाडु, बापटला और प्रकाशम जिलों के छिटपुट स्थानों पर 115.6 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर तक भारी से अत्यधिक भारी वर्षा का अनुमान लगाया गया था जो कि सच हुआ बारिश की वजह से बाढ़ तक आ गई.
इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के बापटला में साइक्लोन मिचौंग ने लैंडफॉल कर लिया है. साइक्लोन पिछले कुछ घंटों के दौरान 11 किमी प्रति घंटे की गति के साथ उत्तर की ओर बढ़ गया. तूफान के असर से चेन्नई में भारी बारिश की गतिविधियां देखने को मिलीं.
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन ने केंद्र को पत्र लिखकर 5000 करोड़ रुपये की मदद मांगे
तमिलनाडु में मिचौंग तूफान के चलते हुई तबाही के मद्देनजर मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई. बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा में स्टालिन ने कहा कि इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार हर संभव कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा गया है. केंद्र सरकार से राज्य को तुरंत 5000 करोड़ रुपये देने की मांग की गई है.
मौसम केंद्र विभाग ने बताया कि गंभीर चक्रवाती तूफान के केंद्र के पास तूफान की वर्तमान तीव्रता 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा है और हवाएं 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति चल रही हैं. आंध्र प्रदेश के पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और आसपास के उत्तरी तमिलनाडु तटों पर मौसम प्रणाली पिछले छह घंटों में मंगलवार सुबह साढ़े सात बजे तक 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर की दिशा में बढ़ी.
चेन्नई के पश्चिम ताम्बरम के कृष्णा नगर इलाके में रहने वाले लोगों को नावों के जरिए बचाया जा रहा है. पुलिस, स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवकों द्वारा बचाव अभियान जारी है.
चक्रवाती तूफान के तट से टकराते ही समुद्र उग्र हो गया है. 90 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं. परिणामस्वरूप, पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं. भारी बारिश के कारण हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. काकीनाडा जिले जग्गमपेट में चक्रवात से भारी तबाही मचाई है. चेन्नै-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर बवंडर के कारण गांडेपल्ली पेट्रोल स्टेशन पर बाढ़ का पानी बढ़ गया. बवंडर से पेड़ और बिजली के खंभे गिर गये.