39 वीं आल मणिपुर मेडिकल कान्फ्रेंस 2023 के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई  राज्यपाल अनुसुईया उइके

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समग्र समाचार सेवा
इंफाल, 10दिसंबर।  अनुसुईया उइके जी राज्यपाल मणिपुर इंडियान मेडीकल एसोसियेशन मणिपुर स्टेट ब्रान्च द्वारा आयोजित 39 वीं आल मणिपुर मेडिकल कान्फ्रेंस 2023 के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुई।  इस कान्फ्रेन्स का विषय साईको-सोशल स्टेबिलिटी नीड आफ दा आबर“ था।
इस कार्यक्रम में  राजमुहोन सिंह, टब् धनमंजुरी यूनिवर्सिटी इंफाल,डॉ. आर.के.लेनिन सिंह, IND मणिपुर स्टेट ब्रॉंन्च,डॉ.जेम्स इलंगबम, आर्गनाईजिंग सेक्रेटरी डॉ.एस.गोजेन्द्रो वाईस प्रेसीडेन्ट डॉ.एस. जुगिन्द्रो,एक्स प्रेसीडेन्ट बड़ी संख्या में प्रदेश के डाक्टर उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान, स्थानीय भजन एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया गया। एसोसियेशन के जर्नल का विमोचन किया गया। राज्यपाल ने सभी को सम्मेलन के लिये शुभकामनाए दी और चिकित्सकों से अपने पवित्र पेशे के अनुरूप लोगों की सेवा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आपने कोरोनाकाल में बहुत सराहनीय सेवा कार्य किया है, जिसकी वजह से आज हम आपदा मुक्त हैं।
परेशानी में व्यक्ति भगवान और दूसरे डाक्टर को ही याद करता है, पृथ्वी पर परेशानी में डाक्टर ही भगवान का रूप होते हैं। आप सभी इसी भावना एवं विश्वास से लोगों की सहायता करें। इस समय मेरे मणिपुर के लोग विगत दिनों की घटनाओं की वजह से मानसिक अशांति की वजह से विभिन्न प्रकार की समस्याओं से ग्रस्त हैं। आप अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए उन्हें समस्याओं, मानसिक तनाव, बीमारियों से मुक्त करें।
उन्होंने आगे कहा कि आज की कान्फ्रेंस का विषय ”साईको-सोशल स्टेबिलिटी : नीड आफ दा आबर“ सिमय की आवश्यकता“ है। वास्तव में यह विषय सामयिक है , डॉक्टरों के दृष्टिकोण से विचार करने के लिये महत्वपूर्ण और आवश्यक है। आज की बिजी लाईफ की वजह से व्यक्ति मेन्टल स्ट्रेस में रहता है। इसलिये इस विषय पर विचार करने, इसके समाधान खोजने की बहुत अधिक आवश्यकता है। साइको सोशल एक ऐसा शब्द है जो मनोविज्ञान और समाज को जोड़ता है। साईको-सोशल का अर्थ किसी व्यक्ति के दिमाग या व्यवहार पर सामाजिक कारकों का प्रभाव भी हो सकता है। मनो सामाजिक स्वास्थ्य जीवन के चार पहलुओं पर केंद्रित है : मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, आध्यात्मिक।
किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसे विकसित होता है और बचपन से वयस्क होते तक सामाजिक कौशल कैसे सीखे जाते हैं। इसके लिये मनो सामाजिक विकास का अध्ययन करना ज़रूरी है क्योंकि यह व्यक्तिगत विकास और कल्याण को बढ़ावा देता है। जीवन के अलग-अलग चरणों में आने वाली चुनौतियों और अवसरों को पहचानकर विकास का मार्ग दिखाता हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की स्थापना 1928 में हुई थी। आज देश में 1700 शाखाओं और लगभग 3,50,000 डाक्टर सदस्यों के साथ सबसे बड़ा संघ है। एसोसियेशन राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में योगदान देता है। एसोसियेशन सरकारी और निजी क्षेत्रों के डाक्टरों के अधिकारों की रक्षा और उनकी भलाई को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
एसोसियेशन एक बहुत अच्छी जर्नल हेकचांग पाओजेल निकाल रही।  हमारे डाक्टरों और चिकित्सा कर्मियों द्वारा राज्य में स्वास्थ्य के लिए जो काम किया जा रहा है वह सराहनीय है। डाक्टर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में मदद करते हैं, विशेषकर उन लोगों को जो अधिक महंगे निजी अस्पतालों का खर्च वहन नहीं कर सकते।
हमें मेडीकल आवश्यकताओं को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार करना होगा ताकि इसे ग्रामीण आबादी तक आसानी से पहुंचाया जा सके। साथ ही बुनियादी ढांचा विकसित करने की भी आवश्यकता है। मणिपुर में बच्चों में अंधापन बढ़ रहा है। इसके लिए विस्तृत सर्वेक्षण और इसकी रोकथाम के प्रयास डाक्टर एवं संबंधितों द्वारा करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य देखभाल का पूरा कार्य सरकार अकेले नहीं कर सकती। हमें स्वास्थ्य और बाडी फिटनेस में सुधार करके बीमारियों को रोकने की शुरुआत करनी चाहिए। मेडिकल मांग को देखते हुए वालिन्टियर और संगठनों को हास्पिटल और अन्य हैल्थ केयर सेन्टर स्थापित करने के लिए मोटिवेट किया जाना चाहिए।
चिकित्सा विज्ञान भारत के लिए नया नहीं है। वर्षो पूर्व प्राचीन भारत के महान चिकित्सक सुश्रुत ने अपनी पुस्तक में बीमारियों और उनके प्रबंधन और सर्जरी के उत्कृष्ट उपचार के बारे में लिख दिया था। उन्होंने एसोसिएशन से यह भी अपील की कि राज्य के रिमोट एरिया में अधिक से अधिक निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करें। मुझे विश्वास है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अपने उद्देश्य, लोगों को अधिक से अधिक वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध कराना और जीवनशैली में सुधार करने के लक्ष्य के अनुरूप कार्य करेगा।
इस समय मणिपुर प्रदेश के बहुत से व्यक्ति विगत दिनों की घटना से प्रभावित हुए हैं। उन्हें कैम्पों में रहना पड़ रहा है, असुरक्षा की भावना मन में है। इसलिये विभिन्न प्रकार के मेन्टल स्ट्रेस की वजह से बी.पी., सुगर, अनिद्रा, जैसे गंभीर रोगों से ग्रसित हो रहे हैं। आपसे अपील है कि इन समस्याओं से समाधान के लिये प्रयास करें लोगों की मदद करें।
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