मणिपुर:पीएम नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लॉन्च किया ’विकसित भारत/2047: युवाओं की आवाज’ अभियान

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समग्र समाचार सेवा
इंफाल, 13दिसंबर। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिये युवाओं के विचारों को जानने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ’विकसित भारत/2047ः युवाओं की आवाज’ अभियान को लॉन्च किया। कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने इस के बारे में युवाओं, शिक्षाविदों को बताने के लिए प्रदेश के राजभवन में आयोजित कार्यशाल में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, संस्थानों के प्रमुखों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया।

मणिपुर के राजभवन में राज्यपाल अनुसुइया उइके,शिक्षा मंत्री बसंत कुमार सिंह, राज्य के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के कुलपति, निदेशक और प्रमुखों जिसमें प्रो.एन.लोकेंद्र सिंह, कुलपति, मणिपुर विश्वविद्यालय, प्रोफेसर एन.राजमुहोन सिंह, कुलपति, डीएम यू विश्वविद्यालय, प्रो.पी. गुनींद्रो सिंह,वीसी, मणिपुर संस्कृति विश्वविद्यालय, प्रो.ए.के.चौधरी, वीसी, बीर टिकेंद्रजीत विश्वविद्यालय, प्रो.एल.नबाकुमार सिंह, कार्यवाहक-डीन, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, प्रो.के.भास्कर, निदेशक, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, डॉ. पी.ए. स्टीवर्ट, सहायक प्रोफेसर, डॉन बॉस्को कॉलेज (स्वायत्त), मैराम, शामिल हुए। कलपतियों, डायरेक्टर, डीन ने पैनल डिस्कशन किया और संक्षिप्त विचारों से राज्यपाल को अवगत कराया।

प्रधानमंत्री ने बर्चुअल माध्यम से कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि ’’विकसित भारत के संकल्पों को लेकर आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज हर व्यक्ति, संस्था, संगठन को इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है कि मैं जो कुछ भी करूं वह विकसित भारत के लिए हो। सभी का लक्ष्यों और संकल्पों का ध्यान केवल विकसित भारत पर होना चाहिए। मजबूत और सशक्त समाज तभी बनता है जब नागरिक देश के हित में सोचते हैं, जब वे देश के कल्याण के बारे में सोचते हैं। उनका मानना है कि ’जनभागीदारी’ एक ऐसा मंत्र है जिसके जरिये बड़े से बड़े संकल्प भी पूरे किये जा सकते हैं. “चाहे वह ’डिजिटल इंडिया’ हो, ’वोकल फॉर लोकल’ हो या स्वच्छ भारत अभियान हो, हम सभी ने ’सबका प्रयास’ की शक्ति देखी है।

कुलपतियों द्वारा तीन विषयों पर पैनल चर्चा जिनका विषय – सशक्त भारतीय, संपन्न और टिकाऊ अर्थव्यवस्था और नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी था में बताया कि कैसे एक मजबूत और विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए ज्ञान और उसके प्रयोग को बढ़ाकर नागरिकों विशेष रूप से युवाओं को सशक्त बनाया जा सकता है। संपन्न और टिकाऊ अर्थव्यवस्था पर चैनलाइज़ेशन की राय दी, जो 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में स्थायी आर्थिक समृद्धि ला सकते हैं।

नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर, कृषि क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों का विकास और परिचय कराने के सुझाव दिये ताकि उत्पादकता बढ़ाई जा सके। विशेषज्ञ ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीन विचारों को विकसित करने की राय दी ताकि उत्पादों को दूसरे देशों से आयात करने और उन्हें भारत में असेंबल करने के बजाय सीधे निर्मित किया जा सके।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा, भारतीय नीति निर्माताओं के पास आज एक नया स्पष्ट लक्ष्य है।क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जब हम 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएंगे तब तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का दृष्टिकोण और लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य देश की क्षमता, उपलब्ध संसाधनों और विशेषकर ताकत के आधार पर हासिल किया जा सकता है। हमारा देश युवाओं का देश है क्योंकि दुनिया के 20 प्रतिशत युवा हमारे देश में हैं। हमारे युवा आज ऊर्जावान, उत्साही हैं और ऐसे नागरिक बनने जा रहे हैं जो 2047 के लिए भारत को आकार देंगे और उनके विचार विकासशील भारत-2047 के लिए एक दृष्टिकोण बनाने में सबसे अधिक प्रासंगिक होंगे।

राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत उनके लिए एक बड़ा अवसर है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्र आइडियाज़ फ्रॉम यूथ फॉर डेवलप्ड इंडिया 2047 में बड़ी संख्या में भाग लें। यह भी उल्लेखनीय है कि उत्कृष्ट विचार प्रस्तुत करने वाले 10 सर्वश्रेष्ठ युवाओं के सुझावों को सम्मानित किया जाएगा। इसमें विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में कार्यशालाएं आयोजित करना, सोशल मीडिया में प्रचार-प्रसार करना, बैनर, पोस्टर और स्टैंड लगाकर काम किया जा सकता है। अंत में कुलपतियों से इस अभियान में अधिक से अधिक छात्रों के विचार साझा कराने का आग्रह किया।

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