भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र पर साधा निशाना, कही यह बात….

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8जुलाई। भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को एक बार फिर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया. खड़गे ने अपनी पार्टी की मांग को दोहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार को चीन से सटी सीमा पर हालात को लेकर देश को विश्वास में लेना चाहिए.

खड़गे ने एक्स पर एक खबर साझा की, जिसमें उपग्रह चित्रों का हवाला देते हुए दावा किया गया कि चीन की सेना पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के आसपास के क्षेत्र में लंबे समय से खुदाई कर रही है और इस क्षेत्र में एक अहम अड्डे पर हथियारों और ईंधन के भंडारण के लिए भूमिगत बंकरों और बख्तरबंद वाहनों के लिए आश्रय का निर्माण किया है.

खड़गे ने कहा, ‘चीन पैंगोंग सो के पास उस जमीन पर सैन्य अड्डा कैसे बना सकता है, जो मई 2020 तक भारत के कब्जे में थी.’ खड़गे की पोस्ट पर भाजपा या केंद्र सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन सत्तारूढ़ दल और सरकार ने अतीत में इस मुद्दे पर कांग्रेस के सभी आरोपों को खारिज किया है.

भारत ने चीन के साथ शांति और सौहार्द बहाल करने के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष क्षेत्रों से ‘पूर्ण सैन्य वापसी’ के महत्व पर जोर दिया है. खड़गे ने अपने पोस्ट में कहा, ‘हम गलवान घाटी प्रकरण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए ‘क्लीन चिट’ के पांचवें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, जहां हमारे बहादुर सैनिकों ने अपने जीवन का बलिदान दिया, चीन हमारी क्षेत्रीय अखंडता पर अतिक्रमण करना जारी रखे हुए है.’

उन्होंने कहा कि 10 अप्रैल 2024 का दिन याद करें, जब विदेशी प्रेस को दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वैश्विक मंच पर भारत का पक्ष मजबूती से रखने में विफल रहे. खड़गे ने कहा कि विदेश मंत्री का 13 अप्रैल 2024 का यह बयान कि ‘चीन ने हमारी किसी भी जमीन पर कब्जा नहीं किया है’, चीन के प्रति मोदी सरकार की नरम नीति को उजागर करता है.

उन्होंने एक्स पर कहा कि चार जुलाई 2024 को अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात के दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, ‘एलएसी का सम्मान करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति-सौहार्द सुनिश्चित करना आवश्यक है.’ खड़गे ने कहा कि चीन भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने और सिरिजाप में एक सैन्य अड्डे का निर्माण करने के लिए आक्रामक रुख अख्तियार किये हुए है, जबकि यह भूमि कथित तौर पर भारतीय नियंत्रण में थी.

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति कायम नहीं रखने के लिए जिम्मेदार है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने 65 में से डेपसांग के मैदानी हिस्सों, डेमचोक और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में स्थित प्वाइंट सहित 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) पर से कब्जा खो दिया है.

उन्होंने कहा कांग्रेस एक बार फिर एलएसी पर सीमा की स्थिति पर देश को विश्वास में लेने की अपनी मांग दोहराती है. खड़गे ने कहा, ‘हम अपने बहादुर सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.’

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