सूचना के अधिकार की अपीलों का लगभग 100 प्रतिशत निपटान हो रहा है: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3अगस्त। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को केंद्रीय सूचना आयोग मुख्यालय में “भारतीय राष्ट्रीय सूचना आयोग संघ” (एनएफआईसीआई) की 13वीं वार्षिक आम सभा की बैठक को संबोधित किया। इस अवसर पर केंद्रीय और राज्य सूचना आयुक्तों से बातचीत करते हुए, उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार की अपीलों का लगभग 100 प्रतिशत निपटान हो रहा है, और लंबित मामलों की संख्या में हर साल कमी आ रही है।

एनएफआईसीआई की भूमिका
वार्षिक बैठक में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 को आगे बढ़ाने में एनएफआईसीआई की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पारदर्शिता और नागरिक-केंद्रित शासन की ओर सरकार के बढ़ते प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “2014 में जब से श्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, तब से पारदर्शिता और नागरिक-केंद्रित शासन सरकार के गवर्नेंस मॉडल का केंद्र बिंदु रहा है।”

अधिकतम प्रकटीकरण का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “न्यूनतम गवर्नमेंट, अधिकतम गवर्नेंस” के विजन के तहत आरटीआई अधिनियम को अधिकतम प्रकटीकरण और न्यूनतम छूट सुनिश्चित करने वाले प्रावधान के तौर पर देखा जा रहा है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीआरएएमएस) दुनिया के कई अन्य देशों के लिए शिकायत निवारण में एक आदर्श मॉडल है।

उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी के उपयोग और शिकायतों के समयबद्ध निपटान के चलते निवारण का समय पांच दिनों से भी कम हो गया है। यह प्रणाली अब अन्य देशों के लिए भी अनुकरणीय मॉडल बन रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग
डॉ. जितेंद्र सिंह ने सूचना आयुक्तों को सूचना के सार्वजनिक प्रकटीकरण में दक्षता बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नए युग के उपकरणों को एकीकृत करने का निर्देश दिया। उन्होंने शिकायतों के निपटारे के बाद नागरिकों से फीडबैक लेने के लिए मानव डेस्क की स्थापना के महत्व को भी रेखांकित किया।

मंत्री महोदय ने सरकार के कामकाज में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक केंद्रितता को बढ़ावा देने के मोदी सरकार के प्रेरक सिद्धांत को दोहराया। बातचीत के दौरान उन्होंने राज्य सूचना आयुक्तों की शिकायतें और सुझाव सुने और उन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया का आश्वासन दिया।

कोविड महामारी के दौरान सीआईसी का योगदान
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कोविड महामारी के दौरान केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान सीआईसी ने लगातार कार्य करते हुए आरटीआई अपीलों का निपटान सुनिश्चित किया।

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में एक शाखा खोले जाने के बाद वहां के निवासियों को मिली सुविधा का भी उल्लेख किया। इससे जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को आरटीआई से संबंधित सेवाओं का लाभ उठाने में आसानी हुई है।

सीआईसी की स्वतंत्रता और विकास
डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद किया कि सीआईसी को अपना स्वतंत्र कार्यालय परिसर 2014 के बाद ही मिला, जब नई सरकार आई। इससे पहले सीआईसी किराए की जगह से संचालित होता था। उन्होंने सीआईसी के युवा अधिकारियों को विजन 2047 का पथ प्रदर्शक और संरक्षक बताते हुए प्रोत्साहित किया।

भारत के मुख्य सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया ने केंद्रीय मंत्री को सीआईसी की निरंतर प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि “सीआईसी में हर साल लगभग 17,000 अपीलों का निपटारा किया जाता है।”

सीआईसी की सचिव रश्मि चौधरी ने मंत्री महोदय को सूचना आयोगों द्वारा की गई पहलों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

इस बैठक से स्पष्ट हुआ कि सूचना का अधिकार अधिनियम के माध्यम से भारत सरकार पारदर्शिता और नागरिक-केंद्रित शासन को प्राथमिकता दे रही है। यह पहल नागरिकों को सशक्त बनाकर उन्हें अधिक जागरूक और अधिकार संपन्न बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.