संसद भवन में ‘मॉनसून सत्र’ के दौरान हंगामा, विपक्षी दल उप-राष्ट्रपति को हटाने की तैयारी में

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10अगस्त। संसद भवन में इन दिनों ‘मॉनसून सत्र’ चल रहा है, जिसमें जबरदस्त हंगामा देखने को मिल रहा है। हाल ही में सत्र के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ और सपा सांसद जया बच्चन के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। इस घटनाक्रम के बाद, विपक्षी दल उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के लिए उनके खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव के लिए 87 सांसदों ने नोटिस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) के तहत, उप-राष्ट्रपति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित और लोकसभा द्वारा सहमत प्रस्ताव के माध्यम से उनके पद से हटाया जा सकता है। हालांकि, प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन का नोटिस देना आवश्यक है।

सदन में बढ़ता विवाद और विपक्ष का आरोप
विपक्ष के एक सूत्र के अनुसार, दो दिन पहले राज्यसभा में सदन के नेता जे पी नड्डा को अनौपचारिक रूप से सूचित किया गया था कि विपक्ष धनखड़ को हटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक बार-बार बंद किया जाता है, जिससे उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा। विपक्ष ने इसे नियमों और परंपराओं के खिलाफ बताया है और सदस्यों के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियों को अस्वीकार्य कहा है।

जया बच्चन और सभापति के बीच टकराव
शुक्रवार को राज्यसभा में जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ के बोलने के लहजे पर आपत्ति जताई, जिससे दोनों के बीच नोकझोंक हो गई। सभापति ने जया बच्चन को शिष्टाचार का पालन करने की सलाह दी, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए जया बच्चन ने कहा कि वह सभापति के बोलने के लहजे से नाराज हैं और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक बंद किए जाने पर भी असंतोष जताया।

उपराष्ट्रपति के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण है। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के कई अन्य घटक दलों ने कहा है कि सभापति खड़गे को बोलने का मौका नहीं दे रहे हैं और बीच में ही उनका माइक बंद कर दिया जाता है। विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं और धनखड़ को पद से हटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं।

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