“महाराष्ट्र को गुजरात बनाना चाहती है केंद्र सरकार”, संजय राउत ने वोटिंग से पहले सरकार पर साधा निशाना

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 नवम्बर। शिवसेना नेता संजय राउत ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र को गुजरात बनाना चाहती है। उनका यह बयान महाराष्ट्र के आगामी चुनावों के संदर्भ में सामने आया है, जहां उन्होंने केंद्र के हालिया फैसलों और नीतियों पर तीखी आलोचना की। संजय राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की संस्कृति और पहचान को खत्म करने की कोशिश की जा रही है, और इस प्रयास में केंद्र सरकार गुजरात मॉडल को लागू करना चाहती है।

केंद्र सरकार पर निशाना

संजय राउत ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला, खासकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में किए गए कुछ फैसलों को लेकर। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र की राजनीतिक और सामाजिक व्यवस्था को destabilize करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह राज्य की मौजूदा स्थिति और राज्य की सत्ता को गुजरात के मॉडल में बदलने की साजिश हो सकती है।”

राउत का आरोप था कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र की अपनी राजनीति, संस्कृति और परंपराओं को दबाने की कोशिश कर रही है और गुजरात के विकास मॉडल को हर हाल में लागू करना चाहती है। उनका कहना था कि गुजरात में जो कुछ भी हो रहा है, वह महाराष्ट्र के लिए नहीं है और इसे यहां लागू करना राज्य के हित में नहीं होगा।

महाराष्ट्र की पहचान का संकट

शिवसेना नेता ने महाराष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार की नीतियों से राज्य की पहचान संकट में पड़ सकती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों का उद्देश्य महाराष्ट्र के विकास को गुजरात के समकक्ष लाना है, जो कि राज्य की स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों से मेल नहीं खाता।

संजय राउत ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लोग अपनी अलग पहचान और संस्कृति पर गर्व करते हैं और वे किसी भी कीमत पर इसे खोने नहीं देंगे। उनका कहना था, “हमारी सरकार को नहीं होने दिया जाएगा कि वह महाराष्ट्र को गुजरात की तरह बदलने की कोशिश करे।”

राजनीतिक बयानबाजी और आगामी चुनाव

महाराष्ट्र में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। संजय राउत के इस बयान को विपक्षी दलों द्वारा एक बड़े राजनीतिक हथियार के रूप में देखा जा रहा है। यह आरोप बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही तनातनी का हिस्सा माना जा सकता है। राउत के इस बयान को उनकी पार्टी की तरफ से बीजेपी पर एक प्रकार का दबाव बनाने के रूप में भी देखा जा सकता है, ताकि केंद्र सरकार को राज्य के मुद्दों पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया जा सके।

केंद्र का जवाब

केंद्र सरकार ने संजय राउत के आरोपों को खारिज किया है और उन्हें राजनीतिक बयानबाजी करार दिया है। भाजपा नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र के लिए केंद्र की योजनाएं पूरी तरह से राज्य के विकास और जनता के कल्याण के लिए हैं। उनका कहना था कि किसी राज्य की पहचान बदलने की कोई योजना नहीं है, बल्कि केंद्र सरकार का उद्देश्य हर राज्य को समान अवसर देना है ताकि देश का समग्र विकास हो सके।

निष्कर्ष

संजय राउत का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में और भी उथल-पुथल मचाने का संकेत है, खासकर जब राज्य में आगामी चुनावी मुकाबले को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। उनका आरोप केंद्र सरकार पर राज्य की संस्कृति और पहचान को खत्म करने का है, जबकि केंद्र सरकार इसे महज एक राजनीतिक आरोप मान रही है। चुनावों से पहले इस तरह की बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप से यह स्पष्ट होता है कि आगामी दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में और भी तीव्र बयानबाजी देखने को मिलेगी।

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