समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29 जनवरी: केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए गन्ने से बनने वाले इथेनॉल की कीमत में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। साथ ही, सरकार ने नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन पर भी मुहर लगाई है, जिसके तहत 16,300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस मिशन का उद्देश्य देश में खनिज संपदा के सही उपयोग के लिए एक संरचना तैयार करना है।
एथेनॉल ब्लेंडिंग से जुड़ा अहम फैसला
कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सबसे बड़ा निर्णय एथेनॉल ब्लेंडिंग से संबंधित है। पेट्रोल में मिलाए जाने वाले इथेनॉल की कीमत में 3% की वृद्धि की गई है। अब सरकारी कंपनियां पेट्रोल में मिलाने के लिए इथेनॉल 57.97 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदेंगी, जो पहले 56.58 रुपये प्रति लीटर थी। इस बढ़ोतरी का लाभ किसानों तक पहुंचेगा।
पेट्रोल में 20% तक इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य
सरकार ने पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाने की छूट दी है। इसका उद्देश्य कच्चे तेल के आयात को कम करना और विदेशी मुद्रा की बचत करना है। इस पहल से पिछले एक दशक में 1,13,007 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। 2013-14 में जहां सिर्फ 38 करोड़ लीटर इथेनॉल मिलाया जाता था, वहीं अब यह बढ़कर 707 करोड़ लीटर हो गया है। कंपनियां इस साल पेट्रोल में 14.60% तक इथेनॉल मिला रही हैं, और इसे बढ़ाकर 18% तक करने की योजना है।
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन: खनिजों के सही उपयोग की दिशा में कदम
नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन का उद्देश्य खनिजों की खोज बढ़ाना, नए ब्लॉकों का अधिग्रहण करना और महत्वपूर्ण खनिज खनन परियोजनाओं के लिए त्वरित मंजूरी देना है। मिशन में 8 वर्टिकल्स होंगे, और विदेशों में माइंस खरीदने और ऑपरेट करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा। इस मिशन के तहत क्रिटिकल मिनरल्स को रिसाइक्लिंग किया जाएगा, साथ ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। खनिजों में Cobalt, Copper, Graphite, Lithium, Nickel, PGE, Phosphorous, Silicon, Tin और Titanium को फिलहाल क्रिटिकल मिनरल्स में रखा गया है।
इस बड़े कदम से जहां किसानों को फायदा मिलेगा, वहीं खनिज संपदा के क्षेत्र में भी देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।