ईश्वर पर विश्वास सबसे ज्यादा जरूरी है या यह कहें कि ईश्वर पर विश्वास ही मनुष्य की परम शक्ति है। आपने देखा होगा कि बहुत बार ऐसा होता है लोग ईश्वर पर विश्वास होने का दावा तो करते हैं लेकिन वहीं यदि उनके साथ कुछ गलत हो जाए या उनकी सोच से अलग हो जाए तो वह उसका जिम्मेदार अपने भगवान या नियति को ठहराने लगते हैं, जिसके चलते कई बार लोग ईश्वर पर विश्वास त्याग देते हैं। वहीं यदि कहा जाए कि ईश्वर जो करते हैं हमारे भले के लिए ही होता है तो इस सोच में लीन भी कई मनुष्य देखने को मिलते हैं जो कड़ी विपदा आने पर भी अपना विश्वास नहीं तोड़ते और जितना मिलता है उसमें खुश रहने की कोशिश करते हैं। ऐसी ही एक कहानी से आज हम आपको रूबरू कराएंगे,…
दरअसल कहानी है एक अमीर व्यक्ति की!जिसने समुद्र में अकेले घूमने के लिए एक नाव बनवाई और छुट्टी के दिन वह नाव लेकर अकेले समुद्र की सैर करने निकल पड़ा वह समुद्र में थोड़ा आगे पहुंचा ही था कि अचानक एक जोरदार तूफान आ गया उसकी नांव पुरी तरह से तहस-नहस हो गई लेकिन वह लाइफ जैकेट के साथ समुद्र में कूद गया। जब तूफान शान्त हुआ तब वह तैरता-तैरता एक टापु पर जा पहुंचा मगर वहां भी कोई नहीं था टापु के चारों ओर समुद्र के अलावा क़ुछ भी नजर नहीं आ रहा था।
उस आदमी ने भगवान पर अपना भरोसा दिखाते हुए सोचा कि जब मैंने पूरी जिंदगी में किसी के साथ कभी बुरा नहीं किया तो मेरे साथ बुरा क्यों होगा। वह सोचने लगा कि उसको ईश्वर ने मौत से मुंह में जाने से बचाया है तो आगे का रास्ता भी वही दिखाएगा। व्यक्ति धीरे-धीरे वहां पर उगे झाङ-फल-पत्ते खाकर दिन बिताने लगा। लेकिन अब काफी समय बीत चुका था लेकिन उसको बचाने कोई नहीं आया था जिसके चलते उसको लगने लगा कि वह इस टापू पर फंस गया है। लेकिन इतना पता होने के बाद भी व्यक्ति ने अपना विश्वास ईश्वर पर बनाए रखा और सोचने लगा इतने दिनों से मैं इस टापू पर मारा-मारा फिर रहा हूं, क्यों न यहां एक झोपड़ी बना लूं पता नहीं अभी और कितने दिन यहां बिताने पड़ें पूरे दिन लकडि़यां और पत्ते आदि सामान इकट्ठा कर अपनी झोंपड़ी बनानी शुरू कर दी। अब रात होते-होते उसकी झोंपड़ी बनकर तैयार हो गई थी अभी वह झोंपड़ी के बाहर खड़ा होकर उसे देखते हुए सोच रहा था कि आज से झोंपडी में सोने को मिलेगा लेकिन अचानक से मौसम बदला और बिजली जोर-जोर से कड़कने लगी और एक बिजली उसकी झोंपड़ी पर गिर गई। उसके देखते ही देखते झोंपड़ी जलकर खाक हो गई यह देखकर वह व्यक्ति टुट गया।
उसने आसमान की तरफ देखकर बोला, हे ईश्वर ये तेरा कैसा इंसाफ है तूने मुझ पर अपनी रहम की नजर क्यों नहीं की? मैंने हमेशा तुझ पर विश्वास बनाए रखा फिर वह इंसान हताश और निराश होकर सर पर हाथ रखकर रोने लगा अचानक ही एक नाव टापू के पास आई। नाव से उतर कर दो आदमी बाहर आए और बोले कि हम तुम्हें बचाने आए हैं। दुर से इस वीरान टापू में जलता हूआ झोंपड़ा देखा तो लगा की कोई उस टापू पर मुसीबत में है अगर तुम अपनी झोंपडी नहीं जलाते तो हमें पता नहीं चलता कि टापू पर कोई हैं।
उस आदमी की आंखों से आंसू गिरने लगे उसने ईश्वर से माफी मांगी और बोला कि हे ईश्वर मुझे क्या पता था कि तूने मुझे बचाने के लिए मेरी झोंपडी जलाई थी यकिनन तू अपने बंदों का हमेशा ख्याल रखता है तूने मेरे सब्र का इम्तेहान लिया, लेकिन मैं उसमे फेल हो गया। मुझे माफ कर दे।
एक अमीर व्यक्ति था उसने समुद्र में अकेले घूमने के लिए एक नाव बनवाई और छुट्टी के दिन वह नाव लेकर अकेले समुद्र की सैर करने निकल पड़ा वह समुद्र में थोङा आगे पहुंचा ही था कि अचानक एक जोरदार तूफान आ गया उसकी नांव पुरी तरह से तहस-नहस हो गइ लेकिन वह लाइफ जैकेट के साथ समुद्र में कूद गया।… pic.twitter.com/aUfbjqTUd6
— पूर्णिमा (@SanataniPurnima) July 15, 2023