उत्‍तर भारत में कंजक्टिवाइटिस के बढ़ते मामले के बीच एम्स के चिकित्सकों ने स्टेरॉयड के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी की जारी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7अगस्त। राजधानी दिल्‍ली सहित उत्‍तर भारत में कंजक्टिवाइटिस यानी कि आई फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान- एम्‍स के वरिष्‍ठ चिकित्सकों ने उपचार के लिए स्टेरॉयड के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है। आकाशवाणी समाचार से बातचीत के दौरान एम्‍स में डॉक्‍टर राजेन्‍द्र प्रसाद नेत्र रोग चिकित्‍सा केन्‍द्र के प्रमुख डॉक्‍टर जे एस ति‍ति‍याल ने कहा कि स्टेरॉयड वाले आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने के दो सप्‍ताह बाद कॉर्निया में धब्‍बे आ सकते हैं। इसके अलावा आंखों पर दबाव भी बढ़ सकता है। उन्‍होंने बताया कि एम्‍स में कंजक्टिवाइटिस के इलाज में स्‍टेरॉयड वाली दवाओं को शामिल नहीं किया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि आई ड्रॉप तभी डालना चाहिए जब आवश्यक हो।

डॉक्‍टर तितियाल ने कहा कि स्‍टेरॉयड के इस्‍तेमाल से तुरंत राहत तो मिल सकती है लेकिन बाद में आंखों को नुकसान पहुंचने और दृष्टि कमजोर होने का खतरा बढ़ सकता है। एंटीबायोटिक्‍स के इस्‍तेमाल के बारे में उन्‍होंने सलाह दी कि इसे डॉक्‍टर की देखरेख में ही लिया जाना चाहिए। उन्‍होंने लोगों से आग्रह किया है कि यदि परिवार में कई सदस्‍यों को आई फ्लू की समस्‍या हुई है तो प्रत्‍येक को अलग-अलग आई ड्रॉप इस्तेमाल करना चाहिए।

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