समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 14सितंबर। अब 1 अक्टूबर से एक अनिवार्य नियम लागू होने वाला है, जिसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में बर्थ सर्टिफिकेट का रोल बढ़ने वाला है. अब जन्म प्रमाणपत्र कई बातों को प्रमाणित करने के लिए एक एकल दस्तावेज होगा. अब नए नियमों के मुताबिक, जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है.
दरअसल, 1 अक्टूबर से जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 लागू हो रहा है. इस नियम के तहत बर्थ और डेथ के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य हो जाएगा. इसे लेकर गृह मंत्रालय ने 13 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया है., जिसके तहत इन नियमों के कार्यान्वयन पर अपडेट दिया गया है.
इस कानून का प्रमुख उद्देश्य पंजीकृत जन्म और मृत्यु के लिए राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय डेटाबेस स्थापित बनाना है. कानून जन्म प्रमाण पत्र को किसी व्यक्ति की जन्म तिथि और स्थान के निश्चित प्रमाण के रूप में स्थापित करेगा. जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) अधिनियम, 2023 के प्रारंभ होने या उसके बाद पैदा हुए लोगों पर ये नियम लागू होगा.
क्यों रजिस्ट्रेशन होगा जरूरी?
प्रमाणपत्र स्कूलों में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, विवाह पंजीकरण, सरकारी रोजगार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, पासपोर्ट और आधार नंबर जारी करने सहित विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा. इसके अलावा गोद लिए गए, अनाथ, परित्यक्त और सरोगेट बच्चों के साथ-साथ एकल माता-पिता या अविवाहित माताओं के बच्चों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को ये कानून आसान बनाएगा.