कर्मकार कल्याण बोर्ड घोटाले में फंसे पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, एसआईटी गठित

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा

देहरादून, 18 अप्रैल। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर शिकंजा और कसने जा रहा है। आयुर्वेद विश्वविद्यालय के के साथ ही कर्मकार कल्याण बोर्ड में हुए घपलों की जांच की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं। इन घपलों की जांच के लिए एसआइटी से कराई जाएगी।

बोर्ड में गड़बड़ी की बात सामने आई

पिछली सरकार में श्रम मंत्री रहे हरक सिंह रावत के कार्यकाल में उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में साइकिलों की खरीद और वितरण के साथ विभिन्न स्तर पर गड़बड़ी की बात सामने आई थी। पिछली सरकार के कार्यकाल में हुई प्रारंभिक जांच में भी इस मामले में अनियमितता सामने आई थी। बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया था।

गृह विभाग की ओर से जल्द मिलेगा जांच का आदेश

इस बीच श्रम सचिव चंद्रेश यादव ने इस गड़बड़ी की जांच की संस्तुति की। इसके बाद मुख्य सचिव समिति ने मामले में एसआइटी से जांच को हरी झंडी दिखा दी है। जल्द ही गृह विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया जाएगा। लैंसडौन क्षेत्र से भाजपा विधायक दिलीप रावत कर्मकार कल्याण बोर्ड में अनियमितता की जांच की मांग लगातार करते रहे हैं। इस क्षेत्र से पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं।

हरक सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में चले गए

माना जाता है कि हरक सिंह भाजपा में रहते हुए इस सीट से टिकट के लिए दबाव बनाने की कोशिश करते रहे थे, लेकिन पार्टी ने इसे नहीं माना। विधानसभा चुनाव से पहले हरक सिंह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आ गए। एसआइटी जांच होने पर पूर्व मंत्री रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सरकार आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अवैध नियुक्तियों और वित्तीय अनियमितता की जांच को उच्च स्तरीय समिति गठित कर चुकी है। हरक के पास श्रम के साथ ही आयुष व आयुष शिक्षा विभाग भी था।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.