अब विवाहित बेटी और विधवा बहू भी होंगी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार, शिवराज सरकार ने किया अनुकंपा नीति में संशोधन
समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 29 मार्च।मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति में बड़ा संशोधन किया है. सामान्य प्रशासन विभाग के नोटिफिकेशन के अनुसार अनुकंपा नीति में हुए इस संशोधन के बाद अब नौकरी के दौरान मृत हुए सरकारी कर्मचारी की विवाहित बेटी और विधवा बहू को भी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. नये नियम के अनुसार मृतक सरकारी कर्मचारी के आश्रित पति अथवा पत्नी के पास जरूरी योग्यता न होने पर या आश्रित स्वयं अनुकंपा नियुक्ति लेने से इनकार कर दे तो उनके द्वारा नामांकित पुत्र या अविवाहित पुत्री को अनुकंपा का प्रावधान था. इसमें संशोधन करते हुए अब विवाहित बेटी को भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता प्रदान की गई है.
विधवा बहु भी अनुकंपा नियुक्ति पाने की हकदार
मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग के नए नियमों के अनुसार, अब विधवा बहु भी अनुकंपा नियुक्ति पाने की हकदार होगी. इसके साथ- साथ सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद उसकी विधवा बेटी जो पुरी तरह से उन्हीं पर आश्रित हो. साथ ही आश्रित की पति या पत्नी न हो. उसे भी अनुकंपा नौकरी मिल सकेगी. इससे पहले दिवंगत सरकारी कर्मचारी की संतान सिर्फ विवाहित बेटियां ही मृतक कर्मचारी के पति या पत्नी की ओर से नामांकित किए जाने के बाद अनुकंपा नियुक्ति पाने की पात्र थीं.
इस नियम पूरी तरह से हटाया
साथ ही नियम ये भी था कि अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए मृतक कर्मचारी के पति या पत्नी का होना जरूरी है तभी उनकी अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. इतना ही नहीं अनुकंपा नियुक्ति पाने वाले को मृत कर्मचारी के आश्रित जो जीवित हैं, मां या पिता के भरण पोषण की जिम्मेदारी निभाने का लिखित में शपथ पत्र देना होगा. अब ये नियम पूरी तरह से हटा दिया गया है.
क्या है अनुकंपा नीति
अनुकंपा नीति के तहत यदि किसी सरकारी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मौत हो जाती है तो उसके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जाती है. इसके अतिरिक्त उसके परिजनों को आर्थिक सहायता भी दी जाती है.
इनको मिलता है लाभ
> अनुकंपा नियुक्ति के तहत किसी भी शासकीय कर्मचारी का नौकरी के दौरान मौत होने पर उसके आश्रित एक व्यक्ति को नियुक्ति दी जाती है.
इसमें दिवंगत शासकीय सेवक की पत्नी या फिर पूर्णतः आश्रित पति को नौकरी मिल सकती है.
> इसके अलावा ऐसी विधवा अथवा तलाकशुदा पुत्री जो दिवंगत शासकीय सेवक की मृत्यु के समय उस पर पूर्णत: आश्रित होकर उसके साथ रह रही हो. उसे नौकरी दी जाती है.
> अगर दिवंगत सरकारी कर्मचारी के पात्र सदस्य न होने की स्थिति में विधवा पुत्रवधु जो शासकीय सेवक की मृत्यु के समय उस पर पूर्णतः आश्रित होकर उनके साथ रह रही हो. उसे भी नौकरी मिल सकती है.
> इस नीति के तहत अविवाहित पुत्री को फायदा मिलता था लेकिन एमपी सरकार ने तय किया कि विवाहित पुत्री को भी नौकरी दी जा सकती है.