अरुणिमा……….
एम.एल. नत्थानी।
भोर की प्रथम अरुणिमा
से प्रकृति नर्तन करती है
सूरज के आरुणि सारथी
ये तम का मर्दन करती है
सजग प्रहरी प्रकृति में ये
सूर्योदय से रश्मि प्रभा है
ब्रम्हांड की विशालता से
सृष्टि उत्सव की सभा है।
सूरजमुखी उष्णता पाने…
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