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Chilli-masala

मिर्च-मसाला- संसद के विशेष सत्र का छुपा एजेंडा क्या है?

त्रिदीब रमण ’उतनी बारूद अपने अंदर बचा कर रखना जितनी रखती हैं माचिस की तिल्लियां अंधेरों को मालूम हो तेरे जलने का हुनर’ शह-मात की सियासी बिसात पर आप इसे केंद्र नीत भाजपा सरकार का एक बेहद सुविचारित दांव मान सकते हैं, अब यह महज़ इत्तफाक…
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मिर्च-मसाला- जाति ही पूछो साधो की

त्रिदीब रमण ’जब इसां की अपनी पहचान पर वोट चस्पां हो जाता है उसकी सूरत मिट जाती है, वह एक गिनती रह जाता है’ एक पुरानी तुर्किश कहावत है-’जंगल कट रहे थे, फिर भी सारे पेड़ कुल्हाड़ी को ही वोट दे रहे थे, क्योंकि पेड़ सोच रहे थे कि कुल्हाड़ी…
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मिर्च-मसाला- बिहार में हवाई अड्डों की राजनीति

सियासत को तो यूं भी पंख फैला कर उड़ने की आदत होती है, ऐसे में जब बात हवाई अड्डों की हो तो सियासतदां भी आसमां से चुगली करने लग जाते हैं।
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मिर्च-मसाला- रामपुर के आजम की निष्ठाएं किधर हैं?

त्रिदीब रमण  ’जब से पागल हवाओं ने हर छोटे-बड़े दीयों का काम तमाम किया है इस आदम के जंगल ने अपना कल इन जुगनुओं के नाम किया है’ सियासत की सीरत ही कुछ ऐसी है कि यहां असल वफादारी भी नैतिक दीवालियापन के अंतःपुर में बेशर्मी से पसरी…
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