जब जब वह भीतर गया , त्यों त्यो वह तर गया
अजय केशरी
बाहर का खालीपन ही अंदर की गहराई और सघनता को जन्म देता है! जबकि बाहर की समृद्धि अक्सर अंदर की निर्धनता और खोखलेपन को बढ़ावा देती है! इसलिए, अंदर की सच्ची समृद्धि को अनुभव करने के लिए, हमें बाहर की शून्यता में जीने की हिम्मत करनी…
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