‘अमीर और अमीर… गरीब और गरीब’ जुमले का सच
-बलबीर पुंज
वर्ष 1950 से 1980 दशक में हिंदी फिल्मों, राजनीतिक विमर्श और आम बोलचाल की भाषा में एक जुमला— ‘देश में अमीर और अमीर, गरीब और गरीब होता जा रहा है’ बहुत प्रचलित था। परंतु यह अब गलत बयानबाजी और अर्ध-सत्य पर्याय बन चुका है, जिसका…
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