मोदी सरकार ने OBC जातियों के लिए अनेक प्रकार के सुधार किए हैं, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता देने का काम किया है- अमित शाह

 केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अपनी गुजरात यात्रा के दूसरे दिन आज पंचामृत डेयरी, गोधरा में अनेक विकास कार्यों का शुभारंभ और लोकार्पण किया

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29मई। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपनी गुजरात यात्रा के दूसरे दिन आज पंचामृत डेयरी, गोधरा में अनेक विकास कार्यों का शुभारंभ और लोकार्पण किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने पीडीसी बैंक के प्रधान कार्यालय की नई बिल्डिंग का उद्घाटन, 3 मोबाइल ATM वैन का शुभारंभ, 250 वर्गमीटर में बने 30 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन, पंचामृत बटर कोल्ड स्टोरेज एवं मालेगांव (महाराष्ट्र) स्थित डेयरी प्लांट का लोकार्पण और उज्जैन (मध्य प्रदेश) में नए स्थापित होने वाले डेयरी प्लांट का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल और केन्द्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज के पांचों कार्यक्रम तीन ज़िलों (पंचमहल, मालेगांव और उज्जैन) के सहकारी आंदोलन को मजबूत करने वाले हैं। आज पंचमहल, महिसागर और दाहोद जिले के 1598 दूध मंडियां लगभग 73 हजार लीटर दूध उत्पादन का मजबूत संघ बनकर हमारे सामने खडे हैं। 18 लाख लीटर दूध और 300 करोड रूपए का टर्नओवर एक बहुत बडी सफलता है।
केंन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि सालों से सहकारी आंदोलन के साथ जुडे हुए देशभर के लोगों की मांग थी कि समय के साथ-साथ सहकारी आंदोलन को जितनी मदद की जरूरत थी वो मिले और इसके लिए सहकार से जुड़े लोग पिछली सरकारों से मांग करते रहे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। आज मुझे ये कहते हुए गर्व होता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक साल पहले पहली बार सहकारी आंदोलन के लिये केन्द्र में सहकारिता मंत्रालय बनाकर इसे प्राथमिकता देने का काम किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जी ने सहकार के बजट को सात गुना बढाने का काम किया। इसके अलावा सहकारी चीनी मिलों को चीनी के भाव में बढ़ोत्तरी का फ़ायदा मिले इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर लगा कर हटा दिया। तमाम सहकारी संस्थाओ पर मेट कर (MAT) 18 प्रतिशत था जिसे घटाकर कंपनियों जितना करके सहकारी संस्थाओ को फायदा पहुंचाने का काम भी मोदी जी ने किया है। मोदी जी ने सरचार्ज को 12 से घटाकर सात प्रतिशत किया। देशभर की सभी मंडियों को कम्प्यूटराइज़्ड करके सीधा नाबार्ड के साथ जोड़ने का कार्यक्रम भी भारत सरकार चला रही है और इसके लिए 6500 करोड़ रूपए ख़र्च किए जाएंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि जब भी अमूल के बारे में बात होती है तो देश-विदेश के लोगों की आंखे चौंध जाती हैं। इतना बडा कोऑपरेटिव आंदोलन जिसका 60 हजार करोड रूपए का टर्न ओवर हो, ऐसी कल्पना करना मुश्किल है। मैं आज देश के सहकारिता मंत्री के तौर पर कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है और पांच साल के अंदर सहकारी क्षेत्र मे बहुत बड़ी क्रांति श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आने वाली है। अनेक नये क्षेत्रों को जोडने की बात हो रही है, उनका डेटाबेस बना रहे हैं, उसके लिये ट्रेनिंग की व्यवस्था कर रहे हैं। PACS की संख्या तीन गुना करने के लिये हम कानूनी सुधार के बारे में भी सोच रहे हैं।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी जी ने प्राकृतिक खेती को बढावा दिया और गौमाता के रक्षण और संवर्धन के लिये बहुत काम किया है। प्राकृतिक खेती से न सिर्फ़ ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के भाव ज्यादा मिलेंगे, उत्पादन भी बढ़ेगा। हाल ही में अमूल ने प्राकृतिक खेती से उपजा ऑर्गेनिक गेंहू का आटा बाजार में उतारा है, इसके बाद सब्जियां भी रखने वाले हैं। अमूल ने लक्ष्य रखा है कि एक साल के अंदर 100 से ज्यादा जिलों में जमीन और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट के लिए उसकी गुणवत्ता को सर्टिफ़ाई करने के लिये जल्द ही प्रयोगशाला बनाई जाएगी। राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत हमारी देसी गाय और ज्यादा दूध देनेवाली भेंसो का संरक्षण करने के लिए बहुत बडा निर्णय मोदी जी ने लिया है। नरेन्द्र मोदी जी ने अनेक प्रकार की पहल की हैं।

श्री शाह ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने OBC जातियों के लिए अनेक प्रकार के सुधार किए हैं। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता देने का काम नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। मेडिकल सीटों में OBC को केन्द्रीय कोटा में रिजर्वेशन नहीं था, वह दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पिछड़े वर्ग को आगे बढ़ाने का काम किया किया है। अनेक कल्याणकारी योजनाएं, जैसे, घर, रसोई गैस, बिजली, टॉयलेट, पांच लाख रूपए तक का आरोग्य बीमा आदि योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ दलितों, OBC और आदिवासी भाईयों को मिला है।

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