नूंह हिंसा बीजेपी-जेजेपी सरकार की विफलता का नतीजा है- भूपेंद्र सिंह हुड्डा

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 अगस्त। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नूंह हिंसा मामले पर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने नूंह हिंसा की न्यायिक जांच हाईकोर्ट की निगरानी में किये जाने की मांग कर दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि दंगा भड़काने और दंगा करने वालों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

हुड्डा ने आगे कहा है कि हिंसा बीजेपी-जेजेपी सरकार की विफलता का नतीजा है। क्योंकि खुद बीजेपी के नेता और केंद्र में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी इस बात को माना है। मामले की संवेदनशीलता और हालत को समझने व ऐहतियाती कदम उठाने में सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई। यहां तक कि स्थानीय पुलिस ने सरकार को पहले ही रिपोर्ट दे दी थी। बावजूद इसके सरकार द्वारा उचित कदम नहीं उठाए गए।

उन्होंने कहा कि दंगों से किसी भी पक्ष को फायदा नहीं होता। इसका अंजाम बेकसूर लोगों को भुगतना पड़ता है। बेकसूर दुकानदारों की दुकानें जलाई गईं, लोगों के घरों पर हमला किया गया और कई लोगों की जान गई। दफ्तरों, स्कूलों, MNCs को बंद की छुट्टी करनी पड़ी। स्पष्ट है कि कानून व्यवस्था को संभालने में बीजेपी-जेजेपी सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। इसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जुलाई महीने में ही गुरुग्राम में जी-20 की मीटिंग हुई, जिसमें अपराध और सुरक्षा विषय पर चर्चा की गई। लेकिन हैरत की बात है कि मुख्यमंत्री नागरिकों की सुरक्षा को लेकर दुर्भाग्यपूर्ण बयान देते हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं कि पुलिस सभी को सुरक्षा नहीं दे सकती। हुड्डा ने सवाल उठाया कि क्या सुरक्षा सिर्फ सत्ता में बैठे हुए लोगों के लिए है? आम नागरिक सुरक्षा के लिए किसके पास जाए? सरकार के पता होना चाहिए कि प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा देना सरकार का काम है। लेकिन मौजूदा सरकार के रवैये के चलते ही आज हरियाणावासी खुद को देश में सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करते हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह 2 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। इसलिए उन्हें पता है कि हरियाणा पुलिस हर स्थिति से निपटने में सक्षम है। लेकिन उसे सरकार की तरफ से सही दिशा निर्देश मिलने चाहिए। सरकार अगर सही समय पर सही कदम उठाए तो प्रदेश में कभी ऐसी वारदात संभव नहीं है। लेकिन हर बार सरकार पूरी तरह फेल नजर आती है। जो हरियाणा 2014 से पहले प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन और कानून व्यवस्था के मामले में देश का अग्रणी राज्य था, वह आज महंगाई, बेरोजगारी और अपराध के मामले में टॉप पर पहुंच चुका है। इसका असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। गुरुग्राम और फरीदाबाद ऐसे क्षेत्र हैं जहां दुनियाभर की कंपनियां और उद्योग हैं। अगर यहां कानून व्यवस्था चरमराती है तो निश्चित तौर पर उद्योग यहां से पलायन करेंगे और कोई भी निवेश करने से हाथ पीछे खींचेगा।

यही वजह है कि पिछले कई साल में हरियाणा में निवेश लगातार घटता जा रहा है और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। बेरोजगारी की वजह से अपराध और दंगें बढ़ रहे हैं। इस सरकार ने हरियाणा को अपराध और दंगों के कुचक्र में फंसा दिया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने लोगों से भी शांति और भाईचारा कायम रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेवात में बंटवारे के समय भी दंगे नहीं हुए। मेवात समेत पूरे हरियाणा का भाईचारा पूरी दुनिया में मशहूर है। हुड्डा ने असामाजिक तत्वों को चेतावनी दी कि कोई कितनी भी कोशिश कर ले, हरियाणा के भाईचारे को नहीं तोड़ पाएगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.