समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 13अप्रैल।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां का यह रूप अत्यधिक शांत और मोहक माना जाता है। मां ब्रह्मचारिणी के हाथों में अक्षमाला और कमंडल सुसज्जित हैं। मां यह स्वरूप आपको ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।
ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा विधि
देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करें। इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें। देवी को सफेद फूल चढ़ाएं। इसके अलावा कमल का फूल भी मां को चढ़ाएं।
ब्रह्मचारिणी देवी के मंत्र-
या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः..
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा..
ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी.
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते..
तपश्चारिणी त्वंहि तापत्रय निवारणीम्.
ब्रह्मरूपधरा ब्रह्मचारिणी प्रणमाम्यहम्॥
शंकरप्रिया त्वंहि भुक्ति-मुक्ति दायिनी.
शान्तिदा ज्ञानदा ब्रह्मचारिणीप्रणमाम्यहम्॥