प्री-क्वार्टर फाइनल में मैरी कॉम ने किया प्रवेश, तीसरे दौर में पहुंची मनिका बत्रा

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25जुलाई। लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारत की दिग्गज महिला मुक्केबाज एमसी मैरी कोम ने 25 जुलाई को टोक्यो ओलंपिक फ्लाईवेट कैटेगरी में पहली बाधा आसानी से पार कर प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है. छह बार की विश्व चैम्पियन मैरी कोम ने कोकुजिकाम एरेना में राउंड ऑफ 32 मुकाबले में डोमिनिकन गणराज्य की मिग्वेलिना गार्सिया हर्नादेज को 4-1 से हराया. मैरी कोम को मुक्केबाजी में भारत के लिए पदक का बड़ा दावेदार माना जा रहा है।

वहीं भारत की अग्रणी महिला टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा ने महिला एकल टेबल टेनिस स्पर्धा के दूसरे दौर में यूक्रेन की मार्गरीटा पेसोत्स्का पर सनसनीखेज जीत हासिल कर तीसरे दौर में पहुंच गई हैं. मनिका टेबल टेनिस एकल मुकाबलों मे तीसरे दौर में जाने वाली पहली भारतीय हैं. मनिका ने विवार को मेट्रोपॉलिटन जिमनैजियम में 0-2 से पिछड़ने के बाद टोक्यो में 57 मिनट तक चले मैच में मार्गरीटा पर 4-11, 4-11, 11-7, 12-10, 8-11, 11-5, 11-7 से जीत हासिल की।
भारतीय स्टार मनिका बत्रा ने पहले दो गेम में पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करके रविवार को यूक्रेन की मारग्रेट पेसोत्सका को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 4-3 से हराकर टोक्यो ओलंपिक की टेबल टेनिस प्रतियोगिता के महिला एकल के तीसरे दौर में प्रवेश किया।

मनिका को लय हासिल करने में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन आखिर में 57 मिनट तक चले इस मैच में 20वीं रैकिंग की यूक्रेनी खिलाड़ी को 4-11, 4-11, 11-7, 12-10, 8-11, 11-5, 11-7 से हराने में सफल रही।

जब भी मनिका पिछड़ रही थी तब दबाव होने के बावजूद उन्होंने लंबी रैलियां खेली तथा अपने शॉट पर शानदार नियंत्रण बनाये रखा। पहले दो गेम में पिछड़ने के बाद मनिका तीसरे गेम की शुरुआत में पीछे चल रही थी लेकिन उन्होंने 6-6 से स्कोर बराबर किया और फिर लगातार बढ़त बनाये रखकर फोरहैंड हिट से ये गेम अपने नाम किया।

चौथे गेम में दोनों खिलाड़ियों के बीच रोमांचक मुकाबला देखने को मिला। मनिका ने इस गेम में 6-4 की बढ़त गंवायी। दोनों खिलाड़ी इसके बाद बराबरी पर आगे बढ़ती रही लेकिन मनिका ने दूसरे गेम प्वाइंट पर मैच को 2-2 से बराबरी पर ला दिया।

उक्रेनी खिलाड़ी ने पांचवें गेम में शुरू में बढ़त हासिल की लेकिन मनिका ने वापसी करने में देर नहीं लगायी और स्कोर 8-8 से बराबर कर दिया। इस बीच उनके स्मैश देखने लायक थे। पेसोत्सका हालांकि लगातार तीन अंक बनाकर मैच में फिर से बढ़त हासिल कर दी।

मनिका छठे गेम में भी एक समय 2-5 से पीछे चल रही थी लेकिन उन्होंने इसके बाद लगातार नौ अंक बनाकर स्कोर 3-3 से बराबर कर दिया। निर्णायक गेम में तो मनिका ने अपने खेल पर अच्छी तरह से नियंत्रण बना दिया था। उक्रेनी खिलाड़ी के पास उनके स्मैश का कोई जवाब नहीं था। मनिका ने फोरहैंड स्मैश पर यह मैच अपने नाम किया।

मनिका इस मैच में भी अपने कोच के बिना उतरी थी। उनके निजी कोच को स्टेडियम में आने की अनुमति नहीं मिली और इस भारतीय खिलाड़ी ने विरोध में राष्ट्रीय कोच सौम्यदीप रॉय की सेवाएं लेने से इन्कार कर दिया था।

 

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