रूस ने आईएसआईएस के आत्मघाती हमलावर को किया गिरफ्तार, निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा की हत्या की थी योजना

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 अगस्त। रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) आतंकवादी समूह के एक सदस्य, एक आत्मघाती हमलावर की गिरफ्तारी की पुष्टि की, जो पैगंबर मुहम्मद के अपमान का बदला लेने के लिए “भारत के नेतृत्व अभिजात वर्ग” में से एक के खिलाफ आतंकवादी हमले की योजना बना रहा था।

पूछताछ के दौरान उसने अपना नाम आजमोव बताया और कहा कि उसे आईएस ने तुर्की में भर्ती किया था और यहीं उसने ट्रेनिंग ली थी. आजमोव का मानना ​था कि नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया है, इसलिए उन्हें समाप्त कर दिया जाना चाहिए। योजना के तहत उसे भारतीय वीजा लेने के लिए रूस भेजा गया था। सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली पहुंचने पर उसे स्थानीय स्तर पर सहायता मुहैया कराने का आश्वासन भी दिया गया था। पूछताछ के दौरान, आजमोव ने बताया कि वह ऑनलाइन कट्टरपंथी बना, और आईएसआईएस के किसी भी नेता से आज तक नहीं मिला है। सूत्रों के मुताबिक उसे ऑपरेशन के दूसरे चरण के तहत रूस भेजा गया था।

एक विदेशी आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने 27 जुलाई को, भारत को रूस में गिरफ्तार किए गए एक हमलावर के बारे में सूचित किया था. सूत्रों के मुताबिक विदेशी आतंकवाद-रोधी एजेंसी ने भारत को बताया था कि किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के 2 आत्मघाती हमलावर भारत में आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहे हैं। उनमें से एक तुर्की में स्थित था। सूत्रों ने कहा कि भारत से कहा गया था कि वे रूस के रास्ते आएंगे और उनका वीजा आवेदन अगस्त में माॅस्को में रूसी दूतावास या किसी अन्य वाणिज्य दूतावास में जाएगा। इन विवरणों को भारत ने रूस के साथ साझा किया था, जिसके बाद रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) ने आजमोव को हिरासत में लिया।

जैसे ही भारतीय एजेंसियों को इनपुट मिला, आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने आईएस नेटवर्क की रीढ़ तोड़ने के लिए देश भर में बैठकें कीं. इसके बाद एजेंसी ने आईएस के खिलाफ लगातार कार्रवाई शुरू कर दी। दो दिनों में कम से कम 35 जगहों पर छापेमारी की गई और संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। रूसी सुरक्षा एजेंसी ने अपने एक बयान में कहा, ‘यह स्थापित हुआ है कि अप्रैल से जून 2022 की अवधि में एक विदेशी नागरिक को आईएस ने तुर्की में एक आत्मघाती हमलावर के रूप में भर्ती किया। टेलीग्राम के माध्यम से दूरस्थ रूप से और इस्तांबुल में व्यक्तिगत बैठकों के दौरान आतंकवादी संगठन के एक प्रतिनिधि द्वारा उसको कट्टरपंथी उपदेश दिए गए और उसकी ट्रेनिंग हुई।’

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.