मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले कुछ नेताओं को संगठन में मिल सकती है अहम जिम्मेदारी

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9जुलाई। केंद्रीय मंत्रिपरिषद से रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और प्रकाश जावड़ेकर समेत 12 मंत्रियों के इस्तीफे के बाद अब इन नेताओं के राजनीतिक भविष्य को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं। हालांकि सभी को इन सभी मंत्रियों के इस्तीफे के बाद झटका लगा था। किसी ने भी यह कल्पना नही की थी कि समय समय पर सरकार का बचाव करने वाले इन धुरधंरों को अपने ही पद से हाथ धोना पड़ेगा। अब एक बार फिर राजनीतिक गलियारें में यह चर्चा तेज है कि उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी। संभव है कि आने वाले दिनों में इनमें से कुछ को भारतीय जनता पार्टी संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपी जाए।
केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बुधवार को हुए फेरबदल व विस्तार में भाजपा महासचिव भूपेंद्र यादव और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी सहित पार्टी संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियां संभाल रहे 5 नेताओं को मंत्री बनाया गया है।
संभावना है कि रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और प्रकाश जावड़ेकर सहित 12 मंत्रियों की विदाई के बाद अब इनमें से कुछ को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपी जाए।

अब जैसा कि भाजपा में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का सिद्धांत लागू है, इसलिए माना जा रहा है कि सरकार में शामिल किए गए नेताओं की जगह संगठन में नए लोगों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसे में यह चर्चा जोरों पर है कि रविशंकर प्रसाद, हर्षवर्धन और जावड़ेकर सहित केंद्रीय मंत्रिपरिषद से बाहर किए गए नेताओं को संगठन में अहम भूमिका दी जा सकती है।

हालांकि बाहर किए गए नेताओं में थावरचंद गहलोत, संतोष गंगवार, रमेश पोखरियाल निशंक, सदानंद गौड़ा, बाबुल सुप्रियो, देबश्री चौधरी, संजय धोत्रे, रतनलाल कटारिया और प्रतापचंद सारंगी का भी नाम शामिल है। लेकिन गहलोत को तो कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त कर दिया है, लेकिन उनके इस्तीफे से राज्यसभा में नेता सदन का पद भी खाली हो गया है। वह पार्टी की सर्वाच्च नीति निर्धारक इकाई संसदीय बोर्ड में लंबे समय तक दलित प्रतिनिधि के रूप में भी रहे हैं।

पार्टी संविधान के मुताबिक संसदीय बोर्ड में अध्यक्ष के अतिरिक्त 10 सदस्य होते हैं। पार्टी महासचिवों में से एक इस संसदीय बोर्ड का सचिव होता है। लेकिन वर्तमान संसदीय बोर्ड में सात ही सदस्य हैं। इनमें भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन महामंत्री बी एल संतोष शामिल हैं। संसदीय बोर्ड में भी तीन पद फिलहाल रिक्त हैं।

वर्तमान में बीजेपी संगठन में भूपेंद्र यादव सहित आठ महासचिव, अन्नपूर्णा देवी सहित 12 उपाध्यक्ष और टुडु सहित 13 सचिव हैं। जनवरी 2020 में बीजेपी का अध्यक्ष बनने के बाद नड्डा ने लगभग आठ महीने के बाद अपनी टीम बनाई थी। अभी तक पार्टी संगठन में विभिन्न जिम्मेदारियां संभाल रहे नेताओं को सरकार में शामिल किए जाने के बाद अब कयास लगाए जाने लगे है कि पार्टी संगठन में नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
जैसा कि 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले है ऐसे में यह भी संभव है कि प्रसाद, जावड़ेकर, निशंक और हर्षवर्धन सहित कुछ नेताओं को संगठन में शामिल कर चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

प्रसाद और जावड़ेकर पहले भी बीजेपी संगठन में अहम भूमिका निभा चुके हैं। निशंक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रहे हैं जबकि हर्षवर्धन दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में भी काम कर चुके हैं। बहरहाल, जिन 36 नए चेहरों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है उनमें उत्तर प्रदेश से सर्वाधिक सात चेहरों को जगह दी गई।
उत्तर प्रदेश के बाद सबसे अधिक प्रतिनिधित्व पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और महाराष्ट्र को मिला है। इन राज्यों से चार-चार सांसदों को मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है। गुजरात से तीन, मध्य प्रदेश, बिहार और ओड़िशा से दो-दो नेताओं को मंत्री बनाया गया है जबकि उत्तराखंड, झारखंड, त्रिपुरा, नयी दिल्ली, असम, राजस्थान, मणिपुर ओर तमिलनाडु से एक-एक नेता को मंत्रिपरिषद में जगह मिली है।

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