कृषि अवसंरचना कोष राज्यों के लिए खेती को समृद्ध बनाने का एक अच्छा अवसर है- नरेंद्र सिंह तोमर

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों से कृषि क्षेत्र को उन्नत करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं- तोमर

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समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31जुलाई। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) नए मील के पत्थर छू रहा है। कृषि एवं गांवों को सशक्त बनाकर और निजी निवेश को बढ़ावा देकर कृषि बुनियादी ढांचे की खाई को पाटने में एआईएफ की भूमिका को रेखांकित करते हुए तोमर ने कहा कि कृषि उत्पादकता बढ़ाने, कृषि निर्यात बढ़ाने, कृषि क्षेत्र को रोजगार योग्य बनाने और नई पीढ़ी को आकर्षित करने के लिए कृषि अवसंरचना कोष तैयार किया गया है। तोमर शनिवार को नई दिल्ली में कृषि अवसंरचना कोष पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान में, कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्रों में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जा रहा है। कृषि क्षेत्र के विकास में इसका उपयोग राज्य सरकारों और बैंकों को मिलकर करना चाहिए। यह राज्यों के लिए कृषि बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण में मौजूद खाई को भरने का एक बड़ा अवसर है। राज्य सरकारों को इसका इस्तेमाल कृषि को मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए करना चाहिए, जिससे देश का तेज गति से विकास होगा।’

तोमर ने कहा कि भारत के लिए कृषि क्षेत्र महत्वपूर्ण है। तोमर ने कहा, ‘कृषि की प्रधानता ने समय-समय पर खुद को साबित किया है। कृषि ने भारत को कोविड संकट से बाहर निकलने में मदद की और ऐसे समय में अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया जब अन्य क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए थे। आज कृषि उपज के मामले में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है।’

उन्होंने कहा, ‘अगर आप इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं तो आपको चुनौतियों की पहचान करनी होगी और उनसे पार पाना होगा। देश में 86 फीसदी छोटे किसान हैं, जिनके पास दो हेक्टेयर से भी कम जमीन है, जबकि देश की 55 से 60 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है। ऐसी स्थिति में, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले आठ वर्षों से लगातार कृषि क्षेत्र को उन्नत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। केसीसी को 7 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। बैंक सरल ऋण की सुविधा दे रहे हैं। इसके साथ ही, 1000 एफपीओ बनाने का काम किया जा रहा है जिससे खेती का रकबा बढ़े, उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार हो और किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम मिल सके।’

इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ने किसानों को सशक्त बनाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने में बैंकों और सरकारी एजेंसियों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आसान कृषि ऋण का रास्ता साफ कर एक साहसिक कदम उठाया है और कहा कि भारत सरकार खुद गारंटी देगी।

अपने संबोधन में सचिव, डीए एंड एफडब्ल्यू मनोज आहूजा ने पोर्टल आधारित ऋष अनुमोदन तंत्र की तत्परता के अनुरूप ऋण प्रक्रिया को तेज करने के लिए बेहतर निगरानी का आह्वान किया।

संयुक्त सचिव, डीए एंड एफडब्ल्यू श्री सैमुअल प्रवीण कुमार ने एआईएफ की दो साल की यात्रा पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। बैंकरों और राज्य सरकारों के योगदान के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए, उन्होंने उनसे चल रहे एनओबीओएल (राष्ट्रव्यापी एक शाखा एक ऋण) अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपनी टीमों को फिर से मजबूत करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर तोमर ने ‘कृषि अवसंरचना कोष’ की केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत वित्तपोषण में बहुमूल्य योगदान के लिए बैंकों और राज्य सरकारों को सम्मानित करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के तहत पुरस्कार प्रदान किए।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बैंकों में, भारतीय स्टेट बैंक को पहले पायदान पर सम्मानित किया गया, इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया का स्थान रहा। दूसरी श्रेणी में, बैंकों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए सम्मानित किया गया, इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को सम्मान मिला। अभियान के दौरान लक्ष्य हासिल करने वालों की श्रेणी में पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, पंजाब और सिंध बैंक और कर्नाटक बैंक को पुरस्कृत किया गया। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के बाद मध्यांचल ग्रामीण बैंक, महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक, बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को सम्मानित किया गया।

राज्य श्रेणी में, मध्य प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया गया जबकि आंध्र प्रदेश को पैक्स आवेदनों को मंजूर करने में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले स्टेट के रूप में पहचान मिली। पैक्स आवेदनों के तेजी से निपटारे में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य के तौर पर कर्नाटक को सम्मानित किया गया और राजस्थान को एआईएफ के तहत उभरता राज्य घोषित किया गया। नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज, इस योजना के नॉलेज पार्टनर को स्कीम को आगे बढ़ाने में सराहनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

तोमर और महाप्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया ने ड्रोन परियोजना के एक लाभार्थी को स्वीकृति पत्र सौंपा। बाद में, पुरस्कार विजेता बैंकरों, राज्यों और सफल लाभार्थियों ने दर्शकों के साथ अपने अनुभव साझा किए।

इस कार्यक्रम में अतिरिक्त सचिव श्री अभिलक्ष लिखी, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न राज्यों के सरकारी अधिकारी, बैंकों, नाबार्ड के शीर्ष अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारी, नैबकॉन्स और एआईएफ योजना के लाभार्थी और अन्य प्रतिभागी शामिल हुए।

महत्वाकांक्षी आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कृषि अवसंरचना कोष, एक समर्पित केंद्रीय योजना का अगले महीने दूसरा स्थापना दिवस मनाया जाएगा। इसमें फसलोपरांत प्रबंधन अवसंरचना और सामुदायिक खेती की संपत्ति के लिए एक माध्यम- दीर्घकालिक ऋण वित्त सुविधा उपलब्ध कराना है। इस वित्तपोषण सुविधा के तहत सीजीटीएमएसई द्वारा 2 करोड़ रुपये की सीमा तक सभी ऋण 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष की ब्याज छूट पर उपलब्ध हैं। विभिन्न योजनाओं के लाभों के संयोजन में इस योजना को अधिकांश मौजूदा केंद्रीय योजनाओं के साथ जोड़ा जा सकता है। इससे कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में हितधारकों- किसानों, कृषि उद्यमी, एफपीओ, एसएचजी, जेएलजी, पैक्स, एपीएमसी, स्टार्टअप्स, केंद्रीय विपणन सहकारी समितियों और राज्य एजेंसियों को काफी लाभ हुआ है।

अब तक, लगभग 17,500 करोड़ रुपये की लागत वाली 13,700 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और 10,131 करोड़ रुपये के ऋण को स्वीकृति दी गई है। इस योजना के तहत प्रतिदिन औसतन 30 कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पूरे देश में गोदामों, जांच इकाइयों, प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों, कस्टम हायरिंग सेंटरों, सॉर्टिंग और ग्रेडिंग इकाइयों, कोल्ड स्टोर और कोल्ड चेन परियोजनाओं, बायो-स्टिमुलेंट विनिर्माण केंद्रों, बीज प्रसंस्करण इकाइयों आदि के रूप में स्वीकृत की जा रही हैं, जिसका देश के कृषि क्षेत्र को और भी बेहतर बनाने में व्यापक असर होगा।

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